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जानिए: भारत में पोस्‍ट ऑफिस की शुरुआत पर पहली चिट्ठी किसने और किसे लिखी, 9 अक्‍टूबर को क्‍यों मनाया जाता है डाक दिवस

भारत में संदेश पहुंचाने के लिए प्राचीन काल से अलग अलग तरीकों को अपनाया जाता रहा है। पुराने समय में रिषी मुनि पेड़ की छाल और पत्‍तों पर संदेश लिखकर अलग अलग माध्‍यमों से गंतव्‍य तक पहुंचाते थे। राजा अपने संदेश कपड़े पर लिखा करते थे और एक व्‍यक्ति के माध्‍यम से गंतव्‍य तक पहुंचाते थे। संदेश पहुंचाने के इस क्रम को समय के साथ ही व्‍यवस्थित किया गया। आधुनिक भारत में इस प्रकिया को डाक व्‍यवस्‍था का नाम दिया गया। इस व्‍यवस्‍था के चलते ही पूरे विश्‍व में 9 अक्‍टूबर को विश्‍व डाक दिवस के रूप में सेलीब्रेट किया जाता है।

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan9 Oct, 2019

 

 

जापान में वैश्विक सम्‍मेलन
भारत में डाक की परंपरा प्राचीन काल से ही रही है, लेकिन इसे विस्‍तार और व्‍यवस्थित करने का काम आधुनिक समय में ही हुआ। माना जाता है कि 17वीं सदी से पहले ही विश्‍वभर के तमाम देश इस व्‍यवस्‍था को लागू कर चुके थे। आंकड़ों के मुताबिक 1874 में विश्‍व समुदाय ने संचार व्‍यवस्‍था को वैश्विक पटल पर बेहतर करने के लिए यूनीवर्सल पोस्‍टल यूनियन का गठन किया गया। इसके लिए स्विट्जरलैंड में सम्‍मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें दुनियाभर के तमाम देशों ने हिस्‍सा लिया। 1969 में डाक व्‍यवस्‍था के प्रचार प्रसार के उद्देश्‍य से जापान की राजधानी में सम्‍मेलन हुआ जिसमें तय किया गया कि हर साल 9 अक्‍टूबर को डाक दिवस मनाया जाएगा।

 

 

 

प्राचीन संदेश व्‍यवस्‍था 18वीं सदी में बदली
जानकारों के मुताबिक भारत में राजाओं के शासनकाल में गिने चुने और प्रमुख लोग ही संदेश भेजते थे। आम आदमी को अपने रिश्‍तेदारों और परिचितों का हाल जानने के लिए यात्रा करनी पड़ती थी। भारत में डाक व्‍यवस्‍था की शुरुआत को 18वीं सदी से पहले माना जाता है। कहा जाता है कि भारत में अंग्रेजों के आने के बाद उन्‍होंने ईस्‍ट इंडिया कंपनी की स्‍थापना की। इसके बाद अंग्रेजों को देश भर में फैली अपनी छावनियों में संदेश पहुंचाने के लिए डाक व्‍यवस्‍था को विकसित करने की जरूरत महसूस हुई।

 

 

भारत में अंग्रेजों ने बनाई डाक व्‍यवस्‍था
1766 में अंग्रेज अधिकारी लॉर्ड क्‍लाइव ने डाक व्‍यवस्‍था की स्‍थापना की। इसके बाद अंग्रेज अधिकारी वॉरेन हेस्टिंग्‍स ने डाक प्रकिया को विस्‍तार दिया। इस दौरान कोलकाता में जीपीओ की स्‍थापना की गई। इस दौरान डाक ले जाने के लिए कर्मचारियों को नियुक्‍त किया गया जो चिट्ठियों को उनके पते पर पहुंचाते थे। माना जाता है कि इसी दौरान पहली डाक चिट्ठी को लिखा गया। जानकारों के मुताबिक पहली चिट्ठी अंग्रेजों ने लिखी जिसे उसके पते पर भेजा गया। हालांकि, पहली चिट्ठी लिखने के बारे में कुछ भी पुख्‍ता जानकारी सामने नहीं आ सकी है। चूंकि अंग्रेजों ने डाक व्‍यवस्‍था की शुरुआत भारत में की थी तो उन्‍हें ही पहली चिट्ठी लिखने वाला कई लोग मानते हैं।…Next

 

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