लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए खुले में शौच करने पर रोक लगाई गई है। दुनियाभर के कई देशों में खुले में शौच प्रतिबंधित कर दी गई है। भारत में अभी भी लोग खुले में शौच जाते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की आई नई रिपोर्ट चौंकाने वाली है। दुनियाभर के करीब 420 करोड़ लोग आज भी खुले में शौच करते हैं।
WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट
तमाम प्रयासों के बावजूद खुले में शौच करने की आदत से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि लोग आज भी डायरिया, हैजा जैसी गंदगी से होने वाली संक्रमित बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। दुनियाभर में स्वास्थ्य और स्वच्छता कार्यक्रमों का संचालन करने वाली वैश्विक संस्थान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शौचालयों को लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की है जो बेहद ही चौंकाने वाली है।
हर साल मरते हैं 40 हजार से ज्यादा लोग
डब्ल्यूएचओ ने इस रिपोर्ट में बताया है कि स्वच्छता न होने के चलते डायरिया जैसी खतरनाक बीमारी से हर साल दुनियाभर में 432000 लोगों की मौत हो जाती है। इस रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ की पब्लिक और हेल्थ डिपोर्टमेंट की निदेशक डॉक्टर मारिया नीरा ने कहा है कि हमारे सेहतमंद स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी चीज है स्वच्छता। स्वच्छता कर्मचारी पूरे विश्व में इसके लिए कंट्रीब्यूट कर रहे हैं। लेकिन, हमे यह समझना होगा कि यह हर व्यक्ति की खुद की जिम्मेदारी है।
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420 करोड़ लोगों के पास शौचालय नहीं
डब्ल्यूएचओ ने 19 नवंबर को वर्ल्ड टॉयलेट डे के मौके पर जारी रिपोर्ट में बताया है कि अभी भी दुनियाभर में आबादी का एक बड़ा हिस्सा खुले में शौच कर रहा है, जो कि भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत समेत दुनियाभर के 4.2 बिलियन यानी 420 करोड़ लोगों को शौचालय की सुविधा हासिल नहीं हो सकी है और वह खुले में शौच करने को मजबूर हैं। दुनिया के हर व्यक्ति को शौचालय की सुविधा देने के लिए 2030 तक का लक्ष्य रखा है।…Next
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