पिछले कुछ दिनों से भरता के कुछ राज्यों में तूफान आने की आशंका है, मैसम विभाग लगातार चेतावनी जारी कर रहा है ताकि लोग सुरक्षित रहे। इन दिनों में तेज हवाएं, धूल भरी आंधी और बारिश हुई है कई जगहों पर, वहीं पहाड़ों में ओले गिरने के साथ बर्फबारी भी हुई है। चेतावनी के बाद इमरजेंसी सेवाएं को अलर्ट पर रखा गया है। आजतक तूफान जब भी आया है तो भारी तबाही मचाता है और कई लोगों की जान चली जाती है, यहां पर हम आपको उन सबसे खतरनाक तूफान के बारे में बता रहे हैं जिनमें लाखों की जानें चली गईं थीं।
1. बांग्लादेश में आया था ‘ग्रेट भोला साइक्लोन‘
बांग्लादेश में 12 और 13 नवंबर 1970 को ये चक्रवाती तूफान आया था। ये तूफान इतना खतरनाक था कि करीब 5 लाख जानें चली गईं थीं, इस तूफान ने 185 किलोमीटर तक कहर बरपाया था। इस तूफान से गांवो और फसलों को भारी नुकसान हुआ था।
2. ‘टॉर्नेडो‘ को दुनिया का सबसे खतरनाक तूफान माना जाता है
दुनिया का सबसे खतरनाक तूफान बांग्लादेश में 1989 को आया था, ये तूफान 26 अप्रैल को बांग्लादेश के माणिकगंज जिले में आया था। जिसमें करीब 1300 लोग मारे गए थे और 12 हजार लोग बेघर हो गए थे, दौलतपुर और सतुरिया में करीब 80 हजार लोग बेघर हो गए थे।
3. तूफान से तबाह हो गया था मिस्र
नवंबर 1994 को मिस्र के द्रोन्का क्षेत्र में तूफान के चलते 500 लोगों की मौत हो गई थी, बाढ़ और तूफान ने यहां कहर बरपाया था। तेल के 3 भंडार टैंकों में बिजली गिरने से 5 हजार टन का तेल बरबाद हो गया था। इससे रेलवे पर भी असर पड़ा था, तेल भंडार में बिजली गिरने से आग लग गई थी।
4. हैपोंग तूफान
वर्ष 1881 में वियतनाम में आए हैपोंग तूफान ने करीब 3 लाख लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया। इसने संपति और मत्स्य उद्घोग को भारी नुकसान पहुंचाया, माना जाता है 22.8 बिलियन डॉलर इस तूफान की भेंट चढ़ गए थे।
5. सुपर साइक्लोन नीना
चक्रवाती तूफान ने चीन में जमकर तबाही मचाई, वहां भारी बारिश (1,631 एमएम) ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। साथ ही बैंक्यिो बांध इसकी भेंट चढ़ गया। 2,000 साल में एक बार इस तरह का तू्फान आता है जिससे बाढ़ जैसी स्थिति हो जाती है। तबाही के साथ-साथ 1.2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। 1975 में आए इस तूफान में करीब 1.71 लाख लोगों की मौत हो गई थी।
6. र्कोंरगा तूफान
आंध्र प्रदेश के र्कोंरगा में 25 नवंबर 1839 को आए इस च्रकवाती तूफान ने करीब 3 लाख लोगों की जिंदगी ले ली और 25 हजार जहाजों को बर्बाद किया था। आंध्र प्रदेश को इससे उबरने में कई साल लग गए थे।
7. हुगली रिवर तूफान
बड़े स्तर पर आए इस चक्रवाती तूफान ने न सिर्फ इंसानों की जान ली बल्कि लाखों जानवर भी इसमें समा गए। तूफान का ज़्यादातर असर पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के निचले इलाकों में रहा। मूसलाधार बारिश के कारण महज 6 घंटे में ही क्षेत्र में 381 एमएम यानी 15 इंच पानी जमा हो गया.।कलकत्ता तूफान के भी नाम से जाने वाले इस चक्रवाती तू्फान की स्पीड थी 330 किमी/प्रति घंटा थी। इसमें करीब 3 लाख लोगों की मौत हो गई थी।…Next
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