इंसान की इंसानी फितरत अब हैवानियत में बदल चुकी है. अब वह ऐसा इंसान हो चुका है जो अपनी शैतानी सोच की बदौलत किसी को भी शिकार बनाने के लिए फिराक में रहता है. हैवानियत का ऐसा ही नंगा नाच मिस्र की राजधानी काहिरा के तहरीर चौक पर मौजूद भीड़ ने 21 साल की एक ब्रिटिश पत्रकार नताशा स्मिथ को न्यूड करके किया. तब किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था कि जो भीड़ पिछले 30 सालों से लोकतंत्र की स्थापना को लेकर लड़ाई लड़ रही है वह इस तरह से बहक सकती है. भीड़ ने नताशा को उस समय निशाना बनाया जब वह मिस्र के राष्ट्रपति चुनाव परिणाम का जश्न तहरीर चौक पर मना रही थी.
राष्ट्रपति चुनाव परिणाम के जश्न जैसे दुर्लभ घटनाक्रम को कवर करने गई नताशा स्मिथ के ऊपर कई पुरुषों ने जानवरों की तरह सुलूक किया. वह जश्न में इस तरह से डूबे हुए थे कि मौजूद हमलावारों ने नताशा के कपडे फाड़ दिए और उसे पूरी तरह न्यूड कर दिया. इंसानों के नरभक्षी होने का खेल अभी समाप्त नहीं हुआ था. लोग नताशा को खूंखार जानवर की तरह नोच रहे थे ऐसा लग रहा था मानों नताशा ताजा मांस हो वे सभी भूखे शेर. वह मंजर ऐसा था जहां नताशा को हर जगह हैवान और शैतान दिखाई दे रहे थे.
यह घटना उस समय घटी जब पूरे मिस्र में मोहम्मद मुर्सी के प्रेसिडेंट चुने जाने पर जश्न का माहौल था. काहिरा के तहरीर चौक पर भी जश्न मनाने के लिए वहां हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे. स्मिथ फालमाउथ यूनिवर्सिटी से इंटरनैशनल जर्नलिजम में मास्टर्स हैं और वह तहरीर चौक पर भीड़ की रिपोर्टिंग कर रही थीं.
स्मिथ पहली महिला पत्रकार नहीं हैं, जिनके साथ मिस्त्र में वहशियाना व्यवहार किया गया है. सीबीएस न्यूज की लारा लोगन पर भी 2011 में हमला हो चुका है. मिस्त्र की पत्रकार मोना एल्टाहवे पर भी पिछले नवंबर में मिस्त्र के सुरक्षा बलों द्वारा हमला किया जा चुका है.
पत्रकारिता जैसे असुरक्षित क्षेत्र में महिलाओं ने कभी भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं किया. उन्हें पता रहता है कि किसी भी मोड़ पर कभी भी इन दरिंदों से सामना हो सकता है. इसी कड़ी में दिल्ली में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की मौत को हम कैसे भूल सकते हैं.
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