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आपके खानपान का भी पड़ता है जलवायु परिवर्तन पर असर, स्टडी में इन चीजों को बताया पर्यावरण के लिए खतरा

एक कहावत है ‘जैसा खाए अन्न वैसा होए मन’ कई लोग इस बात को मानते है तो कुछ नहीं मानते लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि हम जैसा भी खाना खाते हैं उसका असर हमारी सेहत और चेहरे पर तो दिखता ही है। अगर आप फल और हरी सब्जियों का सेवन कर रहे हैं, तो आपके चेहरे पर चमक आने के साथ आप कई बीमारियों से बच जाते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे खानपान का असर पर्यावरण पर भी पड़ता है। हाल में किए गए वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि आसपास के वातावरण पर अपना कम प्रभाव डालने का (ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कम करने का) सबसे असरदार तरीका मांस और दूध से जुड़े उत्पाद से बचना है।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal18 Dec, 2018

 

 

इन चीजों को पाया गया सबसे ज्यादा हानिकारक
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध के मुताबिक वातावरण में जो ग्रीनहाउस होता है उसका चौथाई खाद्य उत्पादन से आता है और ग्लोबल वार्मिंग में इसका बड़ा योगदान होता है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया है कि अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ वातावरण में अलग तरह से प्रभाव डालते हैं। शोध में पाए गए नतीजों के अनुसार खाद्य पदार्थ से होने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में करीब आधा हिस्सा केवल मांस या अन्य तरह के मांसाहारी खाद्य के कारण होता है। लेकिन इस तरह के खाद्य पदार्थों से हमें कुल खाने से मिलने वाले कैलरी का पांचवा हिस्सा ही मिलता है। शोध में जितने खाद्य पदार्थों का विश्लेषण किया गया उनमें बीफ और भेड़ के मांस को वातावरण के लिए सबसे हानिकारक पाया गया।

 

 

 

खाद्य पदार्थों को मापने के लिए ऐसे बनाया कैलकुलेटर
ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी के शोधकर्ता जोसेफ पूर और स्विट्जरलैंड के एग्रोइकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट रिसर्च डिविज़न ज्यूरिख़ के चॉमस नेमसेक ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पसंद किए जाने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी इकट्ठा की। उन्होंने इनमें से 40 मुख्य खाद्य पदार्थ चुने और वातावरण पर इनके असर के बारे में जानने की कोशिश की।

उन्होंने पृथ्वी के वातावरण को गर्म करने वाली या जलवायु परिवर्तन में सहायक ग्रीनहाउस गैसों पर इन खाद्य पदार्थों के असर के बारे में शोध किया। साथ ही उन्होंने ये भी देखा कि इसके उत्पादन में कुल कितनी ज़मीन और साफ़ पानी का इस्तेमाल होता है…Next

 

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