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आज प्रातः समाचार पत्रों में परस्पर विरोधाभाषी समाचारों को देख कर मन में ऐसा विचार आपको भी अवगत कराया जाय; तो प्रस्तुत है खबरों की खबर का पोस्टमार्टम :
पहला समाचार है “नया ज़माना में श्री जगदीश्वर चतुर्वेदी का लेख ‘ गांधी के विचारों का दुरपयोग ‘ जो की मेरठ से प्रकाशित दैनिक जनवाणी में ३०/९/२०१४ को प्रकाशित हुआ है ”
“मोदी के भाषणो की सबसे बड़ी विशेषता है मेनिपुलेशन, मेनिपुलेशन के बिना वह भाषण दे ही नहीं सकते | उनके भाषण की दूसरी विशेषता है फुटपाथ शैली | इन दोनों शैलियों का मेडिसन स्केव्यर गॉर्डन में दिए गए भाषणो में उन्होंने जमकर इस्तेमाल किया | मसलन मोदी ने कहा , गांधी जी को आजादी और सफाई पसंद थी| सच यह हैकि गांधी जी को आजादी और साम्प्रदायिक सद्भाव पसंद था | स्वछता उनकी राजनितिक जंग का अंग ही नहीं था | अस्पृस्यता निवारण उनके लक्ष्यों में एक जरूर था | सवाल यह है कि मोदी यह सब सच बताना ही भूल गए अथवा उनकी संध बुद्धिr ने बताने नहीं दिया ? मोदी का अपने हर अभियान में महात्मा गांधी का इस्तेमाल बताता है कि आने वाले दिनों में महात्मा गांधी के विचारों का जमकर दुराप्योग करेंगे | मोदी जिस तरह विचाराधीन महात्मा गांधी को पेश कर रहे है | इसका इस्तेमाल कर रहे है , वह चिंता की बात है | मसलन महात्मा गांधी का भारत आना, किसी अप्रवासी का भारत आना मात्र नहीं था, जैसा मोदी ने पेश किया है | वे देश को साम्राज्यवाद से मुक्त करने के लक्ष्य के लिए आये थे | मोदी की इतिहास बुद्धि कितनी है , इसका यह नमूना मात्र है | भारत के प्रधानमंत्री का राष्ट्रपिता के विचरों का इस तरह का दुराप्योग और उनके विचारों को तोड़ मरोड़ कर पेश करना भारत कि विश्व इमेज को गिराने वाला है | इससे यह भी सन्देश गया कि मोदी ने महात्मा गांधी को न तो पढ़ा है और न सही रूप में समझा है |”
जानी मानी लेखिका ‘ मधु किश्वर ‘ ने कहा है ” प्रधान मंत्री नरेंद्र का नर्स और टीचर्स एक्सपोर्ट करने का विचार अपरिपक्व है | हमारे पास हमें अपनी जरूरत करने के लिए भी टीचर्स और नर्स नहीं है ”
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरण रिजीजू जो कि उसी क्षेत्र से आते है जिस पर चीन अपना दवा यदा कदा करता रहता है, रिजीजू ने सोमवार को एक समारोह में कहा कि “भारत सीमा पर चीन द्वारा किसी प्रकार की घुसपैठ को स्वीकार नहीं करेगा और अपने क्षेत्र की रक्षा करेगा |”
रिजीजू का यह सन्देश उस समय आया जब महीने भर पहले से चीनी सेनाये भारतीय क्षेत्र में डेरा तम्बू लगा का बैठी थी और भारतीय सीमा संघठन के द्वारा किये जा रहे कार्य में बाधा डाल रहे थे लेकिन अपने गृह राज्य मंत्री पता नहीं कहँ गायब हो गए थे | शायद इसका यह कारण था की चीनी राष्ट्रपति का उस भूभाग पर अपने दावा करता है जिस क्षेत्र से श्री रिजीजू आते है ”
शिवसेना और भाजपा का 25 वर्षो का गठबंधन टूट चूका है परन्तु शिवसेना के कोटे से भरी उद्द्योग केंद्रीय मंत्री अपनी कुर्सी पर अभी भी बरकरार है ”
अब इस बात में कुछ तो सच्चाई होगी जब दिल्ली उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश यह कहे की ” ससुराल की तुलना में सड़कों पर अधिक सुरक्षित है महिलाये ” यह वाक्य उन्होंने एक फैसले में कहे जिसमे पति के द्वारा महिला को जल कर मार दिया गया था ”
जहां एक ओर तामिलनाडु की मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार के मामले में ४ वर्ष की जेल की सजा होने पर त्यागपत्र देना पड़ा था वहीँ उनकी पार्टी ने पनीरसेल्वम को अपना नेता चुना लेकिन जब पनीरसेलवम अपने साथियों के साथ सपथ ले रहे थे तो स्वयं मुख्यमंत्री और उनके साथी मंत्री रो रहे थे उनकी आँखों से वास्तव में पानी निकल रहा था ” वह रे लोकतंत्र कैसा मजाक है ”
एक खबर है ” गुजरात के बड़ोदरा में दंगो के सिलसिले में 200 से अधिक गिरफ्तार ” – गुजरात के वडोदरा शहर में पिछले दिनों. में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में 200 से अधिक लोगो को गिरफ्तार किया गया है हालांकि सोमवार को किसी नै घटना की सूचना नहीं है| पुलिस ने इस आशय की जानकारी दी | हांलाकि अहमदाबाद से 116 किलोमीटर दूर इस शहर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और यहां काफी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है | सोसल नेट्वर्किंग साईट पर एक धर्म के बारे में कुछ अपमान जनक बातें पोस्ट किये जाने पर शहर के वाकूपुरा ,पंजरपोल, फतेहपुरा, और कुंभरवाड़ा में गुरूवार को हिंसा भड़क गई थी | पथराव, लूटपाट, तोड़फोड़, और चाकूबाजी की अधिकांस घटनाये पुराने शहर में दर्ज की गई थी | वडोदरा शहर के संयुक्त पुलिस आयुक्त दी जे पटेल ने कहा कि शहर में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है | कुछ गिरफ्तारियां एहतियात के तौर पर की गई है | तनाव उस समय पैदा हो गया जब गुरूवार को वकीलों और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के बीच हाथापाई हो गई | पटेल ने कहा कि शहर में सोमवार को दंगे कि किसी घटना की सूचना नहीं है और पुलिस कड़ी निगाह रखे हुए है | उन्होंने ने कहा कि अफवाहों को फ़ैलाने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को स्थिगित कर दिया गया है | पिछले चार दिनों में शहर में चाक़ू बजी की तीन घटनाये दर्ज की गई है \ इसके अतिरिक्त पत्थर फेंकने , लूट और तोड़फोड़ , की सूचनाये भी मिली है | पुलिस ने बताया कि प्रशासन ने कर्फ्यू नहीं लगाया क्योंकि ये छिटपुट घ्रनाए थी |”
अब इस घटना का समाचार तो समाचा पत्रों में तो है लेकिन किसी भी राष्ट्रीय समाचार चैनल पर इसको न तो दिखाया गया है और न ही इस पर कोई डेबिट कि गई है ” क्या यह भी मोदी के गुजरात मॉडल का एक नमूना है ” जब कि मोदी के रंग में पूरा मीडिया एक तरह से डूब गया है परन्तु मोदी के गुजरात के वडोदरा कि घटना का कही कोई जिक्र नहीं है ”
नोट : मात्र यह विश्लेषण केवल समाचार के भेदभाव के तरीकों को लेकर है किसी की आलोचना का कोई प्रयास नहीं है !
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