शब्दस्वर
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हमारे देश मेँ अंग्रेजोँ के अनुगामी, भारत विरोधी तथाकथित सैकुलर बुद्धिजीवियोँ का एक वर्ग है जो भारत और भारतीय संस्कृति के विरुद्ध कार्य करने का कोई भी अवसर नहीँ चूकता । हुसैन भी इसी वर्ग का चित्रकार था जो कला के नाम पर भारतीय संस्कृति मेँ आराध्य देवी देवताओँ के भद्दे तथा नग्न चित्र बनाने के लिए मशहुर था । जिसकी मौत से भारतीय संस्कृति के मानबिँदुओँ को विकृत करने वाले एक व्यक्ति की मौत है। अब सरदार खुशवंत सिँह हैँ जो अपनी तुलना हुसैन से करते हैँ। देश मेँ इस प्रकार के लोगोँ की कोई कमी नहीँ है। उसकी मौत से भारतीय कला जगत को कोई नुकसान नहीँ हुआ है ।
सुरेन्द्रपाल,
मण्डी ( हि. प्र. )
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