शब्दस्वर
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हर शहीद की मृत्यु का, लेना है प्रतिशोध।
सीमा पर आतंक का, डटकर करें विरोध।
डटकर करें विरोध, रक्त की नदी बहाएं।
हर दुश्मन को शीघ्र, मौत की नींद सुलाएं।
कह सुरेन्द्र कविराय, लाज रखें उम्मीद की।
जाए कभी न व्यर्थ, शहादत हर शहीद की।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २०/०७/२०२०
डिस्क्लेमर : उपरोक्त विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं। जागरण जंक्शन किसी भी दावे या आंकड़े की पुष्टि नहीं करता है।
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