शब्दस्वर
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कदम आगे बढ़ाओ तुम
चुनो पथ प्यार से मिलकर कदम आगे बढ़ाओ तुम।
भुला दो बात बीती को नहीं मन से लगाओ तुम।
बहुत हैं शूल तीखे भी मगर परवाह मत करना।
मगन हो सिर्फ मंजिल के लिए सब कुछ भुलाओ तुम।
कभी सुनसान राहों में सताए जब अकेलापन,
मुहब्बत का तराना गीत सुन्दर गुनगुनाओ तुम।
कभी भी जब किया वादा अगर पूरा न कर पाओ,
समय रहते बिना संकोच मजबूरी बताओ तुम।
खुशी से हो महकते जब कभी भी खूबसूरत पल,
सभी के साथ मिलकर खूब बांटो मुस्कुराओ तुम।
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हि.प्र.)
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