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जीत की आस के साथ अंतिम मुकाबले की तैयारी

वह पंजाब का पुत्तर है, टीम इंडिया का टर्बनेटर है, बुनता है फिरकी का जाल, कभी रुलाता है, कभी हंसाता है, कभी गेंद घूमाता है तो कभी बल्ला चलाता है. वह है भारत की आन-बान-शान सबका प्यारा भज्जी उर्फ हरभजन सिंह. CRICKET-ASIA-SRI-IND-PAKजी हाँ, भज्जी के कुछ ऐसे ही रूप से हम अवगत हैं और जिसके दर्शन हमें पल-पल गर्व करने का मौका प्रदान करते हैं. ऐसा ही कुछ कारनामा भज्जी ने एक बार फिर किया. मौका था एशिया कप का जब भारत का सामना हुआ चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से. आखिरी ओवर और जीत के लिए 2 गेंद में 3 रन की दरकार. गेंदबाज़ मोहम्मद आमेर और सामने थे हरभजन सिंह, आमेर ने गेंद फेंकी और यह लगाया भज्जी ने छक्का और जीत दिला दी भारत को. जीत के बाद भज्जी शेर की तरह दहाड़े, मानो शोएब अख्तर को बता रहे हों “सरदार हूं मुझसे उलझना नहीं”. इससे पहले पाकिस्तानी बल्लेबाजों को इस ऑफ स्पिनर ने ऐसा उलझाया कि उनकी कमर टूट गयी और पूरी टीम केवल 267 रनों में सिमट गयी.

नया भरोसेमंद: रैना

एक वह समय था जब सब लोग कहते थे कि रैना में प्रतिभा है लेकिन उनमें अनुभव की कमी है लेकिन आज का समय है जब रैना हैं भारतीय टीम के नए भरोसेमंद. दिन-प्रतिदिन रैना की बल्लेबाजी निखरती जा रही है. आज वह मैच जिताऊ खिलाड़ी हो गए हैं. पाकिस्तान के खिलाफ़ भी ऐन मौके पर रैना द्वारा खेली गयी पारी उनके बदलते हुए स्वरुप का बखान करती है. रैना आज अपने विकेट की महत्ता को समझ गए हैं. वह जानते हैं कि नंबर 5 या 6 में बल्लेबाजी करने के लिए आप को बेवन जैसे ज़ज्बे के साथ-साथ जुझारूपन चाहिए. इसके साथ-साथ उनको दूसरे खिलाड़ियों को अपने इर्दगिर्द खिलाना चाहिए और अब शायद हम कह सकते हैं कि वक्त के साथ रैना अपनी जिम्मेदार समझ गए हैं.

गौतम की गंभीर वापसी

दो साल से अच्छे फार्म से गुजर रही टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर का बल्ला आज-कल कुछ शांत था, लेकिन शायद आराम का सबसे अच्छा फायदा इस दिल्ली के बल्लेबाज़ ने उठाया है जिन्होंने एशिया कप के दोनों मैचों में उम्दा प्रदर्शन करते हुए भारत को जीत दिलाई. गंभीर टीम इण्डिया का वाकई गंभीर खिलाड़ी है जो एक बार टिकने पर अपना विकेट नहीं खोता है और बड़ी पारी खेलता है. अगर हम भारतीय क्रिकेट टीम की बात करें तो भारत की जीत के पीछे गंभीर का बहुत बड़ा हाथ रहा है और वह इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि उन्होंने सचिन की कमी नहीं खलने दी है.

फाइनल का रिहर्सल

अभी तक खेले अपने दोनों मैच जीतकर श्रीलंका और टीम इण्डिया ने एशिया कप के फाइनल में जगह बना ली है और आज फाइनल से पहले यह दोनों अपने अंतिम लीग मैच में आमने-सामने होंगे. पिछले एक साल से भारत और श्रीलंका ने एक-दूसरे के साथ इतने मैच खेल लिए हैं कि दोनों एक दूसरे के हर पहलुओं से वाकिफ़ हैं. प्रतियोगी की दृष्टि से यह मैच इतने महत्वपूर्ण नहीं है परन्तु फाइनल से पहले की जीत टीम का मनोबल बढ़ा सकती है.

अफरीदी का दम

पाकिस्तान और बंगलादेश के मैच में अफरीदी का दम दुनिया ने देखा. उन्होंने 60 गेंदों में 17 चौके व चार छक्के की मदद से 124 रन बनाए और पाकिस्तान को 139 रनों से जीत दिलाई. अगर पाकिस्तान प्रतियोगिता से बाहर नहीं होता तो शायद इंडिगो मानज़ा पाकिस्तान ही जाती क्योंकि अफरीदी ने अभी तक एशिया कप में सबसे ज़्यादा रन बनाए हैं जिसमें दो शतक भी शामिल हैं.

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