अगर हांगकांग में चल रही आईसीसी की सालाना मीटिंग में मुख्य कार्यकारी समिति के सुझावों को मान लिया गया तो संभव है आप दुबारा किसी चोटिल बल्लेबाज के लिए रनर को दौड़ता ना देखें और ना ही 40 ओवर के बाद कभी आपको पावर प्ले देखने को मिले और आगे से आपको एक ही ओवर में दो-दो बाउंसर(Bouncer) देखने को मिले.
वनडे क्रिकेट में कई बड़े बदलाव आने की पूरी पूरी उम्मीद है. हांगकांग में चल रही आईसीसी(ICC) की सालाना मीटिंग में मुख्य कार्यकारी समिति ने कई बड़े और अहम सुझाव दिए हैं. आईसीसी इन सुझावों को मान लेता है तो नया सिस्टम 1 अक्टूबर से अमल में लाया जाएगा. इसके अलावा यूडीआरएस(UDRS) का नया बदला हुआ रूप टेस्ट और वन डे में लागू करने का फैसला किया गया.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के विवादस्पद अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (Umpire Decision Review System) के विरोध के बावजूद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इसे हरी झंडी दे ही दी. संशोधित स्वरूप में हाट स्पाट टेक्नोलोजी तो होगी लेकिन इसमें हाक आई नहीं होगी जिससे गेंद की दिशा का पता चलता है. इसका मतलब है कि यूडीआरएस में एलबीडब्ल्यू (LBW : Leg Before Wicket) के फैसले शामिल नहीं होंगे. यूडीआरएस के अनिवार्य नियम और शर्तों में अब ‘थर्मल इमेजिंग’ (Thermal Imagining) और ‘साउंड टेक्नोलॉजी’ (Sound Technology) शामिल होगी. बॉल ट्रैकर को हटाने पर सहमति बन गई है.
इसके साथ क्रिकेट को और रोमांचक बनाने के लिए एक अहम सुझाव दिया गया है कि रनर(Runner) हटा दिया जाए. अब तक क्रिकेट में रनर का रोल बेहद अहम रहा है. लेकिन कई बार रनरों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं खासकर जब कोई खिलाड़ी बिना वजह अपना रनर रखता है तब. लेकिन अब इन रनरों को हटाने का ही मन बना लिया गया है.
इसके अलावा हर पारी में दो बॉल का इस्तेमाल और हर छोर से नई बॉल का इस्तेमाल भी शामिल किया गया है. सफेद बॉल के चमक खोने और हार्ड होने के कारण यह नया नियम अपनाना पड़ा. तीसरा अहम फैसला है बैटिंग और बॉलिंग पावरप्ले (Power Play) को 16 से 40 ओवर के बीच रखना. इससे बीच के ओवरों में मैच बोझिल नहीं लगेगा. स्लो ओवर-रेट पर पेनाल्टी और कड़ी कर दी गई है. अब तक एक साल में तीन बार धीमा ओवर-रेट (Slow Over Rate) देने वाले कैप्टन को सस्पेंड किया जाता था, लेकिन नए रूल के मुताबिक साल में दो बार स्लो ओवर-रेट ही उसे सस्पेंड करने के लिए काफी होंगे.
नए सुझावों को अगर मंजूरी मिल जाती है तो निश्चय ही यह आने वाले क्रिकेट के लिए अच्छा होगा लेकिन आईसीसी को क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए कुछ और ठोस कदम भी उठाने होंगे. बीच के ओवरों में पावर-प्ले का इस्तेमाल तो एक बेहतरीन सुझाव है जिससे शायद हर क्रिकेट-प्रेमी खुश होगा पर एक ही ओवर में दो बाउंसर की राय बल्लेबाजों को रास नहीं आएगी.
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