Menu
blogid : 312 postid : 713

चेन्नई बने सुपर किंग्स

“महारथियों के महासंग्राम में दिखा बहुतों का दम.
वारियर्स का था अचूक वार, तो किंग्स नहीं थे किसी से कम.
परंतु महामुकाबले में देखना था, किसमें कितना है दम.”



Hindi Sports Blogक्रिकेट में कहावत है कि एक गलत शॉट पूरे खेल का रुख बदल देती है और इस बार रिवर्स स्वीप ने बदला टी20 चैंपियंस लीग फाइनल का समीकरण.

26 सितम्बर 2010 को हर कोई भारतीय चाहता था कि, चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन इस बार का टी20 चैंपियंस लीग चेन्नई सुपर किंग्स ही जीते.

चाहे हम इसे कप्तान कूल धोनी की किस्मत कहें या उनकी रणनीति. उनके तरकस से निकला कोई भी तीर बिना निशाने को भेद वापस नहीं आता. अगर जानकारों की मानें तो धोनी की सफलता का राज़ थोड़ी उनकी किस्मत तो थोड़ी उनकी रणनीति है.

2010 की आईपीएल विजेता चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने लीग चरण के आखिरी मुकाबले में वारियर्स को 10 रनों से मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनायी थी. जहां रैना ने अकेले दम पर रायल के छक्के छुड़ा दिया था. परन्तु आज एक अलग दिन था. फाइनल मुकाबला होने के कारण प्रेशर दोनों टीमों पर था. जहां वारियर्स को जेकब्स और बोथा पर पूरा विश्वास था वहीं चेन्नई को अपने गेंदबाजों पर पूरा भरोसा था.

Hindi Sports Blogजब चली मुरली की धुन

टॉस वारियर्स ने जीता और पहले बल्लेबाज़ी करने का सही फैसला तो किया लेकिन अगर आप खुद खराब शॉट खेलकर आउट होते हैं तो इसमें पिच की क्या गलती. अच्छे फॉर्म में चल रहे जेकब्स ने भी शुरूआत में चेन्नई के तेज़ गेंदबाजों को मैदान के हर कोने में दौड़ाया परन्तु रिवर्स स्वीप खेलने के चक्कर में वह अपना विकेट गवां बैठे. जेकब्स के आउट होने के बाद चला मुरली की फ़िरकी का जादू जिसका तोड़ वारियर्स के बल्लेबाजों के पास नहीं था. इसके अलावा वारियर्स की टीम में चार आल राउंडर खेलते हैं जिसका मतलब छठे नंबर पर बोथा खेलने आते हैं अतः उनकी बल्लेबाज़ी में गहराई नहीं थी जिसको भांपते हुए धोनी ने अपने गेंदबाजों के साथ ज़्यादा परिवर्तन नहीं किया और वारियर्स निर्धारित ओवरों में केवल 128 रन ही बना सकी.

जवाब में चेन्नई सुपर किंग्स के सामने लक्ष्य तो आसान था परन्तु पिछले मैच में वारियर्स 136 रनों के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाए थे अतः चेन्नई के बल्लेबाज़ जानते थे कि कोई भी भूल उनकी हार का कारण बन सकती है.

लेकिन अगर गेंदबाज़ी में मुरलीधरन की फ़िरकी के सामने वारियर्स बेबस नज़र आए थे तो इस बार मुरली विजय के बल्ले के सामने वारियर्स के गेंदबाजों की एक नहीं चली. Hindi Sports Blogचैंपियनों की तरह खेलते हुए चेन्नई सुपर किंग्स ने मुरली विजय(58) और माइक हसी(नाबाद 51) की शानदार पारियों ने पहले विकेट के लिए 103 रन जोड़ते हुए वारियर्स के हाथों से मैच को पहले ही निकाल दिया. रही-सही कसर धोनी ने पूरी करते हुए छह गेंद शेष रहते वारियर्स को आठ विकेट से हरा दिया और बन गए चैंपियंस लीग टी20 के असली बादशाह.

मैन आफ दी मैच : मुरली विजय

मैन आफ दी सीरीज : रविचंद्रन आश्विन.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh