जिसके हाथों में कभी हॉकी स्टिक हुआ करती थी आज वही हाथ मजदूरी करने के लिए मजबूर हो गए हैं. देश को 6 अंतरराष्ट्रीय और 50 राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी देने वाले मोहम्मद इमरान आज तंगहाली में अपना जीवन बिता रहे हैं. आइए जानते हैं मोहम्मद इमरान की कहानी.
मेजर ध्यानचंद के साथ खेल चुके हैं मोहम्मद इमरान
फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एफ.सी.आइ.) गोरखपुर के लिए हॉकी खेला करते थे. 1975 से 1985 के बीच उन्होंने एफ.सी.आइ के टीम के लिए हॉकी खेलते हुए कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद से, इमरान ने हॉकी की बारीकियां सीखी है. वह उनके विद्यार्थी रह चुके हैं. इमरान पिछले 29 सालों से बच्चों को हॉकी सिखा रहे हैं.
फर्टिलाइजर बंद होने से बढ़ी मुश्किले
इमरान हॉकी सिखाकर और फर्टिलाइजर में काम करेके अपना गुजारा कर रहे थे. लेकिन एक दिन फर्टिलाइजर में एक हादसा हो गया जिस वजह से सरकार ने इसे बंद करने का फैसला लिया. साल 2002 में अधिकतर कर्मचारियों को वीएसएस देकर छुट्टी कर दी गई और इमरान की मुश्किलें भी यहीं से बढ़ी.
ओलंपिक में 23 गोल्ड जीतने वाले इस खिलाड़ी के पास है करोड़ों का घर
1000 रूपए पेंशन पाते हैं इमरान
सरकार से हॉकी के खेल की सेवा के लिए महज 1000 रूपए पेंशन पाने वाले इमरान, भारतीय महिला हॉकी टीम की उप कप्तान निधि खुल्लर, रीता पांडे, रजनी चौधरी, जनार्दन गुप्ता, संजीव ओझा, और प्रतिमा चौधरी जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे चुके हैं.
घर खर्च के लिए बेच रहे हैं कपड़े
देश को 6 अंतरराष्ट्रीय और 50 राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी देने वाले इमरान को अपने गुजर-बसर के लिए साइकिल पर कपड़े बेचने पड़ रहे हैं. इमरान को अपनी बेटी की शादी करनी है जिसके लिए वो दिन रात मेहनत करते हैं….Next
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