सिर्फ कुछ ही दिन शेष हैं राष्ट्रमंडल खेलों में और अभी भी कार्य संपन्न नहीं हुआ है. इसके साथ-साथ रोजाना हो रही बारिश के कारण कार्य बाधित भी हुआ है. इसी कारणवश अब राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर भी चिंतित हैं. माइक हूपर ने कहा है कि अगर भारत राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन स्थलों और खेलगांव में सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करने में विफल रहा तो प्रतियोगिता का आयोजन भी संकट में पड़ सकता है. उनके मुताबिक आयोजकों के चलते ही हड़बड़ी की नौबत आई है ऐसे में गड़बड़ी हो सकती है.
सुरक्षा पर अभी भी संदेह
हूपर की मुख्य चिंता का कारण सुरक्षा और उससे जुड़े मुद्दे हैं. हूपर ने कहा कि यह आयोजन समिति के ढीलेपन का ही नतीज़ा है जिसके कारण अभी भी आयोजन समिति ने यह पुष्टि नहीं की है कि खेलगांव और कोई भी आयोजन स्थल ढांचागत तौर पर सुरक्षित हैं की नहीं.
हूपर ने यह भी कहा कि अगर सही समय पर सुरक्षा के उपायों का प्रबंध नहीं किया गया तो इससे एक या दो खेल प्रतियोगिताएं खतरे में पड़ सकती हैं.
सोलह सितंबर से 71 राष्ट्रमंडल देशों के हजारों एथलीट भारत आना शुरू कर देंगे और खेल गांव में रहेंगे तथा आयोजन स्थलों पर ट्रेनिंग करेंगे अतः सोलह सितंबर से पहले आयोजन समिति को सभी कार्य पूरे करने होंगे.
अगर हम वर्तमान का हाल देखें तो निश्चित तौर पर चीजें अंतिम समय तक जाने वाली हैं. परन्तु अगर आयोजन समिति समय पर सुरक्षा प्रमाणपत्र मुहैया कराने में विफल रहती है और अगर हमें समय पर खेल गांव और आयोजन स्थलों के दस्तावेज नहीं मिलते तो कोई विशेष स्पर्धा संकट में पड़ सकती है.
यह समय के खिलाफ जंग है और अब यह देखना है कि क्या आयोजन समिति समय के साथ यह जंग जीतने में सफल रहती है या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को आलोचना और हंसी का पात्र बनना पड़ता है.
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