भारत में लड़कियों के लिए समाज से ऊपर उठकर अपने आप को साबित करना दूसरे देशों के मुकाबले बहुत कठिन होता है। खासकर अगर बात खेलों की करें तो, क्योंकि अक्सर लोग उन्हें भेदभाव के तौर पर देखते हैं। लेकिन कुछ दिनों में भारत की बेटियों ने जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल की छाप छोड़ी है वो किसी भी जादू से कम नहीं है। ऐसे में चलिए मिलते हैं उन स्टार खिलाड़ियो से जिन्होने खेल में कमाया नाम और साथ ही देश को सम्मान दिलाया।
1. पी वी सिंधु
पी.वी. सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है, बैडमिंटन में आज वो एक जाना माना और मशहूर चेहरा है. सिंधु इस वक्त बैडमिंटन में दूसरे नंबर की खिलाड़ी बनी हुई हैं। सिंधू देश की पहली भारतीय महिला बनी जिसने रियो ओलंपिक के महिला सिंगल्स बैडमिंटन मुकाबले में सिल्वर मेडल जीता। सिंधू का सफर इतना आसाना नहीं था, लेकिन उन्होंने महज ने महज 22 साल की उम्र में ये सफलता हासिल की है।
2. दीपा करमाकर
भारत की दीपा करमाकर रिओ ओलंपिक खेलों के वॉल्ट इवेंट के फाइनल में चौथे नंबर पर रहीं। वह महज कुछ अंकों के साथ कांस्य पदक से चूक गईं। लेकिन दीपा ने जिम्नास्टिक के फाइनल में पहुंच कर इतिहास रच दिया। ये कारनामा करने वाली वो पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं। एक छोटे से शहर से आने वाली दीपा का फैन आज न केवल भारत है बल्कि विदेशी भी उनके प्रतिभा के कायल हैं।
3. साइना नेहवाल
साइना नेहवाल बैडमिंटन के खेल की एक ऐसी सितारा है जिन्होंने युवाओं को बहुत प्रेरित किया है इस खेल के लिए। साइना के उपर जल्द ही एक फिल्म बनने वाली है, जिसपर काम जारी है। साइना नेहवाल ने 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। बैडमिंडन में ओलंपिक मेडल जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं। सायना किसी वक्त नंबर वन की खिलाड़ी थी, उम्मीद है वो जल्द ही बेहतरीन फॉर्म में वापस आएंगी।
4. साक्षी मलिक
ओलंपिक में पहलवानी में पदक जीतने वाली साक्षी पहली भारतीय महिला हैं। साक्षी हरियाणा की हैं और इससे पहले 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। एक समय था जब हरियाणा में लड़कियों को कुश्ती खेलने के लिए ज़्यादा प्रोत्साहित नहीं किया जाता था। लेकिन पिछले 10 सालों में हालात बदले हैं और इसका उदाहरण खुद साक्षी हैं। साक्षी महज 25 साल की उम्र में इतनी बड़ी सफलता को अपने नाम किया है।
5. सानिया मिर्जा
टेनिस में नाम कमाने वाली सानिया मिर्जा ने देश विदेश सब जगह अपनी छाप छोड़ी है। कम उम्र में ही सानिया ने वो कर दिखाया, जिसके लिए लोगों की पूरी ज़िन्दगी लग जाती है। सानिया ने डब्लस में साल 2015 में यूएल ओपन अपने नाम किया और उसी साल उन्होंने विंबलडन का खिताब भी अपने नाम किया था। सानिया ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनी, साथी ही वो डब्लस में पहले स्थान पर भी काबिज थी।…Next
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