भारतीय क्रिकेट टीम के सितारे विश्व कप 2011 के बाद से लगता है रूठ गए हैं. चोटिल खिलाड़ियों की लिस्ट और हार का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. मौजूदा इंग्लैंड दौरे ने तो धोनी के सभी रिकॉर्डों को तोड़ दिया है. पहले टेस्ट श्रृंखला में पहली बार धोनी को हार का सामना करना पड़ा और टेस्ट की नंबर वन टीम विश्व रैंकिंग में फिसल कर नंबर तीन पर आ गई. चार टेस्ट मैच की श्रृंखला में भारत एक भी मैच ना ही जीत सका और ना ही कोई टेस्ट बचा सका. नतीजा टीम को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा.
सुनील गावस्कर ने टेस्ट श्रृंखला में भारत के खराब प्रदर्शन की आलोचना करते हुए कहा था कि “विश्व चैंपियन ऐसे नहीं खेलते.” उन्होंने गलत भी नहीं कहा था. भारत ने टेस्ट में हार का सबक ना लेते हुए हार के सिलसिले को टी-ट्वेंटी में भी जारी रखा. मैनचेस्टर में हुए एकमात्र टी-ट्वेंटी मुकाबले में इंग्लैण्ड ने भारत को छह विकेट से हरा दिया.
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी
भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया. सलामी बल्लेबाज पार्थिव पटेल (10) और रहाणे ने पहले विकेट के लिए 39 रन जोड़कर बड़े स्कोर की उम्मीद बंधाई. पार्थिव पटेल के आउट होने के बाद राहुल द्रविड़ ने आकर अजिंक्य रहाणे का अच्छा साथ दिया.
द्रविड़ का दम
राहुल द्रविड़ ने इस मैच के साथ अपने टी-ट्वेंटी कॅरियर की शुरूआत भी की. पर यह उनका आखिरी टी-ट्वेंटी मैच भी था. अजिंक्य रहाणे का भी यह पहला टी-ट्वेंटी मैच था पर दोनों ही खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि वह किस शैली के बल्लेबाज हैं. रहाणे ने 39 गेंद में 61 रन की शानदार पारी में आठ चौके जमाए तो वहीं द्रविड़ ने 21 गेंदों में 31 रन बनाए. एक समय द्रविड़ ने बाएं हाथ के स्पिनर समित पटेल की गेंदों पर लगातार तीन छक्के जड़कर सभी को हैरान कर दिया था. द्रविड़ के आउट होते ही भारतीय बल्लेबाजी की पोल खुल गई.
दनादन विकेटों की झड़ी
द्रविड़ के आउट होते ही भारतीय टीम ने चार विकेट जल्दी-जल्दी खो दिए. रैना ने इसके बाद इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए स्कोर बोर्ड को गतिमान रखा. लेकिन आखिरी 5 विकेट बस 7 रन पर गिरे. इस तरह पूरी टीम 165 रन पर सिमट गई.
लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड टीम की शुरुआत बहुत ही खराब रही और प्रवीण कुमार ने पहले ही ओवर की दूसरी गेंद पर एलेक्स हेल्स को बिना खाता खोले वापस भेज दिया. क्रेग क्रीसवेटर दूसरे छोर से डटे रहे. इंग्लैंड ने इयोन मोर्गन [49], केविन पीटरसन [33], रवि बोपारा [नाबाद 31] और समित पटेल [नाबाद 25] की बेहतरीन पारियों की बदौलत 19.3 ओवर में चार विकेट खोकर 169 रन बनाते हुए लक्ष्य हासिल कर लिया. भारत को अब तीन सितंबर से पांच वनडे मैचों की सीरीज खेलनी है.
भारत की गेंदबाजी मैच दर मैच औसत होती जा रही है. जहीर खान के बिना वह पैनापन कहीं खो सा गया है. अगर टीम की हालत ऐसी ही रही तो भारत को वनडे श्रृंखला में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
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