फुटबॉल का विश्व कप फीफा शुरू होने में अब महज हफ्ते भर का समय बचा हुआ है, सभी टीमें रुस पहुंच चुकी हैं और अभ्यास कर रही हैं। हर बार की तरह इस बार भी इस विश्व कप को लेकर चर्चाएं जोरो पर हैं। जहां एक तरफ लोगों की नजर खिताब पर जा कर रुकी है वहीं हर फैन चाह रहा है कि उनका पंसदीदा खिलाड़ी और टीम इस बार इस विश्व कप को हाथों में ले। वैसे माना जा रहा है कि इस विश्व कप के बाद कई अहम खिलाडी अपने संन्यास की घोषणा कर सकते हैं जिसमें सबसे बड़ा नाम मैसी का है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस बार की विजेता टीम को चमचमाती टॉफी के अलवा प्राइज मनी के तौर पर कितनी रकम मिलेगी और बाकि टीमों को कितने पैसे मिलेंगे।
फीफा की इनामी राशि में 12 फीसदी का इजाफा
फुटबॉल को दुनिया का सबसे मशहूर खेले माना जाता है, ऐसे में जाहिर है कि इसमें क्रिकेट से भी कहीं अधिक पैसा है। जहां हाल ही में हुए आईपीएल में विजेता को महज 20 करोड़ मिले वहीं, फुटबॉल में इसकी कोई कीमत नहीं है। इस बार विश्व कप में टीमों पर पैसों की बारिश होगी, दरअसल इस साल फीफा परिषद की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि इस साल इनामी राशि में 12 फीसदी का इजाफा किया जाएगा।
250 करोड़ से ज्यादा होगी इनामी राशि
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में सबसे ज्यादा पंसद किए जाने खेल का जब विश्व कप होता है तो उसमें इनामी राशि के तौर पर 255 करोड़ रखे जाते हैं। वहीं जो टीम रनरअप बनती है उसे 187.59 करोड़ रुपये की प्राइज मनी दी जायेगी। जो टीम तीसरे स्थान पर रहेगी उसे 160.79 करोड़ रुपये और चौथे स्थान पर रहने वाली टीम को 147.39 करोड़ रुपये की प्राइज मनी दी जायेगी। ये प्राइज मनी क्रिकेट की मिलने वाली प्राइज मनी से कहीं ज्यादा है।
बेहद खास होती है विश्व कप की ट्रॉफी
फीफा 4 सालों में एक बार होता है ऐसे में जाहिर है कि इसी ट्रॉफी को जो टीम उठाती है उसे बेहद खास अनुभव होता है और वो इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवात है। ऐसे में इस ट्रॉफी को भी बेहद खास तरीके से बनाया गया है, 1974 से पहले विजेता टीम को जूल्स रिमेट कप ट्रॉफी दी जाती थी। ये ट्रॉफी 35 सेंटीमीटर लंबी और 3.8 किलों की होती थी, जिसमें सोने का भी इस्तेमाल किया जाता था। वैसे ये ट्रॉफी दो बार चोरी हो चुकी है, पहली बार मिल गई, लेकिन दूसरी बार इसे पुलिस नहीं खोज पाई थी।
1974 के बाद बदला लुक
ट्रॉफी चोरी होने के बाद इस दोबारा से बनाया गया और इस बार ट्रॉफी का निर्माण 18 कैरेट सोने से किया गया और ये 36 सेंटीमीटर लंबी है। ट्रॉफी का बेस मलाशाइट नामक बेशकिमती खनिज पदार्थ से बनाया गया है। खास बात ये है कि 1974 के बाद से जितने भी देशों ने विश्व कप जीता है, सभी के नाम इसमें लिखें हुए हैं सुनहरे अक्षरों में।
इस ट्रॉफी को केवल विजेती ही छू सकते हैं
ये ट्रॉफी कितनी खास है आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इसे हर कोई नहीं छू सकता है केवल विश्व विजेता बनने वाली टीम और उसके कोच ही इसे खुले हाथो से छू सकते हैं। बाकि अगर किसी के हाथों में ये ट्रॉफी जाती है तो वो इस ग्लव्स के साथ इसे अपनी हाथों में ले सकते हैं। चार साल में होने वाले विश्व कप टूर्नामेंट के बीच में इसे ज्यूरिख बैंक की तिजोरी में संभाल कर रखा जाता है।…Next
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