ओलिंपिक मेडल विनर और इंडियन प्रोफेशनल बॉक्सर विजेंदर सिंह आज अपना 34वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। विजेंद्र का जन्म साल 1985 हरियाणा के भिवानी में हुआ था। भिवाणी का छोरा अब लंदन रिटर्न है और प्रोफेशनल बॉक्सिंग की दुनिया का उभरता सितारा बन गया है। विजेंदर साल 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में ब्रोन्ज मेडल जीतकर फेमस हुए थे। वहीं अब वे प्रोफेशनल बॉक्सिंग में लगातार मैच जीत रहे हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं उनके बारे में किछ खास बातें।
शुरुआत ही शानदार
विजेंदर का जन्म हरियाणा में भिवानी जिले में हुआ। भिवानी ने भारत को कई सितारा मुक्केबाज दिए। 2008 बीजिंग ओलिंपिक्स में पांच में से चार मुक्केबाज छोटे से गांव के थे। सभी ने भिवानी बॉक्सिंग क्लब में ट्रेनिंग ली। जितेंद्र कुमार और अखिल कुमार क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे जबकि विजेंदर एक कदम आगे ही रहे।
ओलिंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज
2008 बीजिंग ओलिंपिक में विजेंदर ने 75 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में इक्वाडोर के कार्लोस गोनगोरा को 9-4 से हराकर ओलिंपिक पदक सुनिश्चित किया। क्यूबा के एमिलियो कोरिया से सेमीफाइनल में 5-8 से हारने के बाद विजेंदर को कांस्य पदक से संतुष्ट होना पड़ा। वह ओलिंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने।
एशियन गेम्स में स्वर्ण बाउट
दो साल के बाद विजेंदर ने एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने दो बार के विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के अब्बोस एटोव को फाइनल मुकाबले में 7-0 से एकतरफा हराया। हालांकि 2012 लंदन ओलिंपिक में क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद विजेंदर लगातार दूसरी बार ओलिंपिक पदक जीतने से वंचित रह गए। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी एसोसिएशन ने 2009 में विजेंद्र को नंबर-1 रैंक दिया। उन्होंने 75 किग्रा मिडिलवेट वर्ग में रहकर पहला स्थान हासिल किया।
हरियाणा पुलिस में डीएसपी
विजेंदर डीएसपी हैं, एक इंटरव्यू में विजेंदर ने बताया था की उन्होंने बॉक्सिंग की शुरुआत सरकारी नौकरी पाने के लिए ही की थी। मुक्केबाज होने के साथ-साथ विजेंदर ने अपने गुड लुक्स का भी भरपूर फायदा उठाया। विजेंदर ने बॉलीवुड में फिल्म फगली से पदार्पण किया। इस फिल्म के सह-निर्माता बॉलीवुड खिलाड़ी अक्षय कुमार हैं। विजेंदर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अक्षय कुमार उनके अच्छे दोस्त हैं। वह हमेशा ही उन्हें प्रोत्साहित करते रहते हैं।
टीवी सीरीयल्स में भी आ चुके हैं विजेंदर
2008 में एक कार्यक्रम में विजेंदर बॉलीवुड अदाकारा बिपाशा के साथ थिरक चुके हैं। इसके अलावा सलमान खान द्वारा होस्ट किए दस का दम में भी यह मुक्केबाज लोगों का दिल लुभा चुका है। वह रीयलिटी शो बिग बॉस में भी जा चुके हैं। हालांकि इस शो में वो एक प्रतिभागी बनकर नहीं बल्कि अपने दोस्त संग्राम सिंह से मिलने गए।
मुक्केबाज नहीं तो सोल्जर होते
विजेंदर के बड़े भाई मनोज पूर्व मुक्केबाज हैं जिन्होंने आर्मी से जुडने के लिए खेल का मोह छोड़ दिया। विजेंदर ने कहा था कि वह भी अपने बड़े भाई के रास्ते पर चलने के लिए तैयार हो जाते अगर खेल में कुछ अच्छा नहीं होता तो।
ड्रग्स लेने का आरोप
2013 में विजेंदर के करियर में सबसे बड़ा मोड़ आया। पंजाब पुलिस ने उन पर एनआरआई से कई बार ड्रग्स खरीदने का आरोप लगाया। विजेंद्र हमेशा इस बात को नकारते रहे। नाडा द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। नाडा की जांच में पाया गया कि विजेंदर ने ड्रग्स नहीं लिया।
राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित
भारतीय खेलों के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष मुक्केबाज हैं विजेंदर, उनसे पहले भारती महिला मुक्केबाज मैरीकॉम को भी यह पुरस्कार मिल चुका हैं।
पत्नी अर्चना साफ्टवेयर इंजीनियर हैं
विजेंदर सिंह की पत्नी अर्चना सिंह दिल्ली की साफ्टवेयर इंजीनियर, इस कपल का एक बेटा भी है जिसका नान अबी हैं। बता दें, अर्चना कभी अपने पति विजेंदर का मैच टीवी पर नहीं देखती हैं, उनका मानना है कि अगर उन्होंने टीवी पर अपने हसबैंड को मार खाते हुए देख लिया तो वे मैच हार सकते हैं। उनकी वाइफ इस बात पर काफी ज्यादा यकीन करती हैं, इसलिए वे चाहकर भी मैच खत्म होने तक टीवी ऑन नहीं करतीं।…Next
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