जी हां, भारतीय क्रिकेट टीम अब मन ही मन यही सवाल खुद से करती होगी. पहले टेस्ट फिर टी-ट्वेंटी और अब वनडे में हार का सिलसिला चलता ही जा रहा है. विश्व कप में जीत के बाद धोनी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि कुछ महीने बाद इंग्लैण्ड दौरे के दौरान उनकी कप्तानी पर इतने सवाल उठेंगे. टीम के आठ महारथी चोटिल होकर देश लौट चुके हैं और जो इंग्लैण्ड में हैं वह जीत दिलाने में लगातार असफल साबित हो रहे हैं.
टीम में अगर एक-दो कमी हो तो समझ में आता है लेकिन जब टीम खेल के सभी क्षेत्रों में पिटने लगे तो क्या कहने. बल्लेबाजी ऐसी है जो पांच रन बनाने के लिए तीन विकेट खर्च करे, गेंदबाजी में चौके-छक्के थोक के भाव दे दिए जाते हैं और रही सही कसर क्षेत्ररक्षण के दौरान कैच टपका कर पूरी कर दी जाती है. टीम में अनुभवी खिलाड़ी राहुल द्रविड़ के लिए आखिरी वनडे सीरीज में कुछ भी सही नहीं बीत रहा.
मौजूदा इंगलैण्ड दौरे का पहला वनडे मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था और दूसरे में भी बरखा रानी ने अपना रंग डाल ही दिया था पर किसी तरह मैच को 23-23 ओवरों का कराया गया. लेकिन कप्तान एलिस्टेयर कुक [नाबाद 80] की खेली गई बेहतरीन नाबाद पारी के आगे विश्व चैंपियन टीम इंडिया दूसरे वनडे मुकाबले में इंग्लैंड पर जीत हासिल करने का ख्वाब पूरा नहीं कर सकी. मेजबान टीम ने भारत को पांच गेंद शेष रहते सात विकेट से हराकर पांच मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली. भारत को इस इंग्लैंण्ड दौरे में अपनी पहली जीत का इंतजार है.
युवा सलामी बल्लेबाज आजिंक्य रहाणे ने 47 गेंद में पांच चौकों और एक छक्के की मदद से 54 रन बनाने के अलावा राहुल द्रविड़ [32] के साथ दूसरे विकेट के लिए 11 ओवर में 79 रन भी जोड़े. रैना ने इसके बाद तूफानी पारी खेलते हुए सिर्फ 19 गेंद में तीन चौकों और तीन छक्कों की मदद से 40 रन बटोरे. जिससे भारत ने 23 ओवर में आठ विकेट पर 187 रन बनाए. जवाब में इंग्लैंड ने कप्तान कुक की अविजित पारी की बदौलत 22.1 ओवर में तीन विकेट खोकर 188 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया. कुक ने अपनी पारी में 63 गेंदों में पांच चौके व एक छक्के लगाए. इंग्लैंड की तरफ से ग्रीम स्वान ने 33 जबकि टिम ब्रेसनेन ने 43 रन देकर तीन-तीन विकेट चटकाए. जबकि भारत की तरफ से आर. अश्विन ने दो विकेट लिए. बारिश के कारण मैच को 23-23 ओवर का किया गया था. सीरीज का पहला वनडे बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था. इससे पहले चार मैचों की टेस्ट सीरीज 4-0 से गंवाने के बाद भारत एकमात्र ट्वेंटी-20 मुकाबला भी हार गया था.
अपना दूसरा ही मैच खेल रहे आजिंक्य रहाणे ने बाकियों से बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 47 गेंदों पर 54 रन बनाकर अन्य बल्लेबाजों के सामने आदर्श स्थापित किया पर दूसरे खिलाड़ियों ने उनसे कोई सबक ही नहीं लिया. मात्र 23 ओवर के खेल में भारत ने आठ विकेट गंवा दिए अगर यही मैच 50 ओवर का होता तो शायद पूरी टीम 30-35 ओवर में ऑल आउट हो जाती. कप्तान धोनी, विराट कोहली, मनोज तिवारी ने तो टीम की लुटिया डुबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
आजिंक्य रहाणे के अलावा टीम में अनुभवी राहुल द्रविड़ ने भी अपना शत-प्रतिशत देने की कोशिश की. राहुल का यह आखिरी वनडे दौरा है और वह इसे यादगार बनाना चाहते हैं. हमेशा की तरह द्रविड़ ने यहां भी भारतीय पारी को संभालकर रखा. उन्होंने 32 रनों की अहम पारी खेली.
कमजोर गेंदबाजी ने इस दौरे पर सबसे ज्यादा परेशान किया है और अगर जल्द ही विनय कुमार और प्रवीण कुमार लय में नहीं लौटे तो वनडे सीरीज का हश्र भी टेस्ट मैचों की तरह ही हो सकता है.
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