भारत देश में जहां पर महिलाओं को हर स्तर पर समाज द्वारा बनाए गए जटिल व्यवस्थाओं के बीच से गुजरना पड़ता है वहां पर एक महिला द्वारा बहुत ही कम समय में तरक्की की नई इबारत लिखना सच में काबिले तारीफ है. भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल द्वारा एक बाद एक टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम करना यह साबित करता है कि खेलों में केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी ऊंचाइयों को छू सकती हैं.
जकार्ता में विश्व की पांचवीं वरीयता प्राप्त भारतीय बैंडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने चीन की तीसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शेरुई ली को एक घंटे और चार मिनट के मैच में 13-21, 22-20, 21-19 से हराकर इंडोनेशियाई ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया. इससे पहले साइना ने 2009 और 2010 में यह खिताब अपने नाम किया था. जबकि 2011 में उपविजेता से ही संतोष करना पड़ा. साइना और शेरुई के बीच अब तक पांच मुकाबला खेला चुका है जिसमे शेरुई ने चार मैच जीता जबकि साइना 2010 में एक मैच ही अपने नाम कर पाई थी. इन आंकड़ों को देखने के बावजूद मैच के दौरान साइना के स्मैश को देखते हुए ऐसा लग ही नहीं रहा था कि साइना दबाव में हैं. इस जीत से साइना को 48,750 डॉलर पुरस्कार के तौर पर मिले जबकि जुरेई को 24 हजार डॉलर से संतोष करना पड़ा.
इससे पहले भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने थाइलैंड ओपेन का खिताब भी जीता था. बैंकॉक में चल रहे प्रतियोगिता के फाइनल में साइना ने दूसरी वरीयता प्राप्त थाईलैंड की रेचानोक इंथानोन को 19-21, 21-15, 21-10 से हराया.
17 मार्च, 1990 को हिसार, हरियाणा में जन्मी साइना नेहवाल का बचपन से ही खेल के प्रति जुनून देखने को मिला. छोटी सी उम्र में बैडमिंटन रैकेट थाम चुकी साइना आज विश्व रैंकिंग में चोटी की खिलाड़ियों में शुमार हैं. वह देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं जिसने ओलम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन के क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया. साइना ने जून 2009 में इंडोनेशिया ओपन में उच्च वरीयता प्राप्त चाइना की वैंग लीन (Wang Lin) को हराकर इतिहास रचा था. अपने बेहतर खेल के प्रदर्शन की बदौलत साइना ने विश्व रैंकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया. इसके बाद से ही उन्हे कई बड़े कंपनियों के ब्रांड मिलने शुरू हो गए थे. साइना वही खिलाड़ी थीं जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को पदक तालिका में दूसरे स्थान पर पहुंचाया था.
बीच में साइना का प्रदर्शन डगमगा गया था लेकिन स्विस ओपेन ग्रां प्री., थाइलैंड ओपेन और अब इंडोनेशियाई ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतने के बाद लंदन ओलंपिक 2012 मे भारत के पदक दिलाने की दौड़ में वह सबसे आगे निकल गई हैं.
वर्ष 2011 से अब तक का साइना का प्रदर्शन
इंडोनेशियाई ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट : विजेता
थाइलैंड ओपेन : विजेता
स्विस ओपेन ग्रां प्री. : विजेता
मलेशियाई ओपेन ग्रां प्री.: उपविजेता
इंडोनेशियाई ओपेन सुपर सीरीज : उपविजेता
बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप : क्वार्टर फाइनलिस्ट
बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरीज मास्टर्स फाइनल्स : उपविजेता
स्विस ओपेन ग्रां प्री. : विजेता
थाइलैंड ओपेन ग्रां प्री.: विजेता.
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