इंडोनेशिया के जर्काता में 18वां एशियन गेम्स अग्रसर है, अभी तक भारत का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। हालांकि, कुछ खेलों में जरूर निराशा हाथ लगी जिनमें भारत की मज़बूत दावेदारी लग रही थी। लेकिन कुछ ऐसे खेल खेलों में पदक भी हाथ लगे हैं, जिससे भविष्य के लिए उम्मीद की किरण जगी है। इससे पहले आगे कोई भी बात कही जाए, सभी भारतीय खिलाड़ी सम्मान के हक़दार हैं जो इस स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ऐसे में चलिए एक नजर पदक वीरों पर, जिन्होंने मेडल के साथ-साथ सभी भारतीयों का दिल जीत लिया।
1. विनेश फोगाट
2018 के एशियाई खेलों में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक विनेश फोगाट ने हासिल किया। 50 किलोग्राम भार वर्ग के इस मुक़ाबले को विनेश ने जापानी पहलवान यूकी को 6-2 से हरा कर जीता था। इसके साथ ही एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला रेसलर बन गईं। इसके पहले वो कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी थी।
2. सौरभ चौधरी
मात्र 16 साल के सौरभ चौधरी ने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में सीधे गोल्ड पर निशाना लगाया। पहली बार एशियाई खेलों में हिस्सा ले रहे, सौरभ ने अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया, उनका स्कोर 24.07 रहा जो कि एशियन गेम्स का नया रिकॉर्ड भी है।
3. राही सर्नोबत
देश के लिए चौथा और शूटिंग में दूसरा गोल्ड राही सरनोबत की ओर से आया। 25 मीटर पिस्टल शूटिंग में सर्नोबत का मुक़ाबला रोंगटे खड़े कर देने वाला रहा। फ़ाइनल में भारतीय खिलाड़ी और थाईलैंड की खिलाड़ी ने बराबर स्कोर किया, दोनों का स्कोर 34 था। मुक़ाबला शूट ऑफ़ में चला गया, वहां राही ने बाज़ी मार ली और गोल्ड कब्जा लिया। ऐसे करने वाली वो पहली भारतीय महिला निशानेबाज़ बन गईं।
4. नौकायान
नौकायान स्पर्धा में भारतीय पुरुष टीम ने गोल्ड मेडल जीता। चार लोगों की टीम जिसमें दत्तू भोकानल, ओम प्रकाश, स्वर्ण सिंह और सुखमीत सिंह शामिल थे। भारत की टीम ने 6.17.13 मिनट में रेस पूरी कर ली थी। भारत ने पहली बार इस स्पर्धा में कोई पदक जीता है।
5. तजिंदर पाल सिंह तूर
तजिंदर पाल ने भारत को शॉटपुट में गोल्ड दिलाया, कोई भी विदेशी खिलाड़ी इस भारतीय खिलाड़ी के सामने भी नहीं टिका। तजिंदर पाल पहले से भी एशिया के नंबर वन खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपना बेस्ट शॉट पांचवे प्रयास में दिया, उनका फ़ाइनल स्कोर 20.75 मीटर था, जो अब एशियाई खेल का रिकॉर्ड भी है।
6. नीरज चोपड़ा
भाला फ़ेंक प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा से सबको खेल की शुरुआत से ही स्वर्ण पदक की उम्मीद थी। नीरज चोपड़ा को 6 मौके दिए गए थे, जिसमें से 2 बार वो फ़ॉउल कर बैठे। बाकि अन्य 4 प्रयासों में उनका स्कोर हर बार 80 मीटर के ऊपर रहा। नीरज का अंतिम स्कोर 88.6 मीटर रहा। आपको बता दें कि 20 वर्षीय नीरज ने उद्घाटन समारोह में भारतीय दल की अगुआई भी की थी।
7. दुति चंद
100 मीटर रेस में 20 साल बाद में भारत ने कोई पदक जीता है। बदकिस्मती से दुती मात्र 0.2 सेकेंड से गोल्ड जीतने से रह गई। भारतीय खिलाड़ी ने 100 मीटर रेस को 11.32 सेकेंड में पूरा किया। दुति चंद 100 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय चैंपियन और रिकॉर्डधारी हैं।
8. पीवी सिंधू
पीवी सिंधू से हमेशा एक पदक की उम्मीद रहती है, एशियन गेम्स में भी उन्होंने बैडमिंटन में भारत को रजत पदक दिलाया। एशियाई खेल में रजत पदक जीतने वाली पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं। फ़ाइनल में उनका मुक़ाबला विश्व की नंबर एक खिलाड़ी ताई जूयिंग से हुई थी।
9. मंजीत सिंह
28 साल के मंजीत को कोई भी पदक का दावेदार नहीं मान रहा था। भारत को 800 मीटर रेस के लिए केरल के जिनसन जॉनसन से उम्मीदें थीं। हालांकि, इस रेस में भारत को दोहरी ख़ुशी मिली, मंजीत ने स्वर्ण और जॉनसन ने रजत जीत लिया।…Next
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