खेल में जीत के लिए आखिरी क्षण तक संघर्ष करना पड़ता है और यहां वही सफल होता है जो लड़ना जानता हो, फिर चाहे वह क्रिकेट हो या हॉकी या फिर टेनिस. जीत के लिए जिस जुनून की जरूरत होती है वह हर इंसान में नहीं होती. और जिसके पास होती है वह एक सफल इंसान बनता है. जीत के लिए जुनून से भरे ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं भारतीय टेनिस स्टार लिएंडर पेस.
आज विश्व भर में भारतीय पुरुष टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले लिएंडर पेस को यह मुकाम कड़ी मेहनत, काम के प्रति लगन और जीत के लिए प्रतिबद्ध होने की वजह से ही मिली है.
लिएंडर पेस की प्रोफाइल
लिएंडर पेस का जन्म कोलकाता में 17 जून, 1973 को हुआ. उनके पिता डाक्टर वेस पेस अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी और प्रसिद्ध चिकित्सक हैं. उनके पिता डॉक्टर वेस म्यूनिख ओलम्पिक गेम्स 1972 के कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य थे. उनकी मां जेनिफर पेस ने 1980 के एशियन बास्केट बॉल चैंपियनशिप (Asian basketball championship) में भारतीय बास्केट बॉल टीम की कप्तानी की थी. लिएंडर का रूझान बचपन में फुटबॉल की तरफ था. लेकिन पिता के कहने पर लिएंडर ने टेनिस खेलना शुरू किया. पिता की यह सलाह लिएंडर के लिए काफी भाग्यशाली साबित हुई और उन्होंने डेविस कप के महान खिलाड़ी के रूप में अपनी जगह बनाई.
लिएंडर पेस का कॅरियर
1985 में उनके पिता ने उन्हें चेन्नई स्थित ब्रिटानिया अमृतराज टेनिस अकादमी (बैट) में टेनिस सीखने के लिए भेजा. यह उनके जीवन का टर्निंग प्वॉइट साबित हुआ. 1990 में उन्होंने जूनियर विंबलडन (Wimbledon Junior) का खिताब जीतकर पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई और जूनियर रैंकिग में पहला स्थान हासिल किया. यहीं से उनका प्रोफेशनल कॅरियर शुरू हो गया.
1992 के बार्सिलोना ओलंपिक (Barcelona Olympics) में उन्होंने डबल्स में रमेश कृष्णन (Ramesh Krishnan) के साथ खेलते हुए क्वार्टर फाइनल तक जगह बनाई थी. 1996 में अटलांटा ओलंपिक्स में कांस्य पदक हासिल कर वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने. इस मैच में वह हाथ में चोट लगने के बाद भी खेले थे. उनके इस समर्पण की वजह से उन्हें साल 1996 का “राजीव गांधी खेल रत्न” (Rajiv Gandhi Khel Ratna) दिया गया.
साल 1997 में लिएंडर पेस को महेश भूपति के रुप में एक बेहतरीन जोड़ीदार मिला. यूएस ओपन में दोनों की जोड़ी ने सेमी फाइनल तक का सफर तय किया. इसी तरह साल 1998 में पेस और भूपति की जोड़ी तीन मुख्य और बड़ी टेनिस प्रतियोगिताओं के सेमी फाइनल तक पहुंची. आस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन और यूएस ओपन में लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी ने दुनिया भर में अपना परचम लहरा दिया. साल 1999 तो दोनों के लिए किसी सपने से कम नहीं था जब लिएंडर पेस और महेश की जोड़ी सभी चार ग्रैंड स्लैमों के फाइनल में पहुंची और विंबलडन और फ्रेंच ओपन में जीत हासिल करने में सफल रही.
डबल्स के साथ पेस सिंगल्स और युगल में भी कामयाब होते रहे. डेविस कप में जीत की ऐसी कहानी रची की आज लिएंडर पेस के बिना डेविस कप में भारत की टीम ही अधूरी लगती है. 1990 में डेविस कप खेलना शुरू करने वाले लिएंडर पेस का रिकॉर्ड इस प्रतियोगिता में बेहद शानदार है. यहां उन्होंने भारतीय टेनिस का प्रतिनिधित्व भी किया है. साल 1992 से लेकर 2008 तक वह सभी ओलंपिक खेलों में शामिल हुए हैं और भारतीय टेनिस को विश्व भर में पहचान दिलाने में सफल भी रहे हैं.
कभी अभिनेत्री महिमा चौधरी से आंखे चार करने वाले लिएंडर पेस को मैदान के बाहर एक हंसमुख इंसान माना जाता है. लिएंडर पेस ने रिया पिल्ले (Rhea Pillai) से शादी की है.
लिएंडर पेस की उपलब्धियां और रिकॉर्ड
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