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नेशनल लेवल का ये हॉकी खिलाड़ी आज कुली बनकर उठा रहा है लोगों का सामान

एक जमाना था जब हॉकी ने भारत को विश्व पटल पर पहचान दिलाई. तब ओलंपिक में भारतीय हॉकी का एकक्षत्र राज हुआ करता था. भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में ‘हॉकी के जादूगर’ मेजर ध्यानचंद का योगदान अविस्मरणीय है. लेकिन आज यही हॉकी खेल अपने खिलाड़ियों को एक सम्मानजनक जिन्दगी भी नहीं दे पा रहा है. अंबाला के नेशनल हॉकी खिलाड़ी ‘तारा सिंह’ की दुर्दशा ने आज खेल जगत को सोचने पर मजबूर कर दिया है. राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तारा सिंह ने अपने कॅरियर में कई मैडल जीते. उन्होंने भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाने के लिए काफी मेहनत भी की लेकिन खेल मंत्रालय और हॉकी अधिकारियों के उदासीन रवैये की वजह से आज यही खिलाड़ी रेलवे स्टेशन पर कुली बनकर लोगों का सामान उठा रहा है.



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तारा सिंह ने डिस्ट्रिक्ट लेवल से लेकर नेशनल लेवल तक हॉकी खेला है. लेकिन वर्तमान में सरकारी सिस्टम में फंसकर उनका जीवन आर्थिक तंगी में गुजर रहा है. हालात इतने बद से बतर हो गए कि उन्हें सड़क पर आना पड़ा. तारा सिंह का कहना है कि “उन्हें सरकार की ओर से सरकारी नौकरी देने का आश्वासन मिला था. लेकिन कई साल गुजर गए नौकरी नहीं मिली.”


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सरकारी मदद न मिलने के बाद तारा सिंह ने अपने परिवार का पेट पालने के लिए अंबाला केंट रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करना शुरू कर दिया. इसके बावजूद भी तारा सिंह का हॉकी प्रेम कम नहीं हुआ. तारा सिंह रोज अपने बच्चों को हॉकी सिखाने के लिए स्टेडियम ले जाते हैं और उन्हें हॉकी की बारीकियों से रूबरू कराते हैं.


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तारा सिंह कहते हैं कि “किसी को विश्वास नहीं होता कि मैं हॉकी खिलाड़ी हूँ. जब लोगों को पता चलता है कि मैं नेशनल लेवल का हॉकी खेल चुका हूँ तो सब मुझ पर हंसते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि मैं झूठ बोल रहा हूँ.”


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तारा ने 1991 की नेशनल हॉकी प्रतियोगिता में हरियाणा के लिए खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया था. उन्होंने अपनी टीम के लिए कई जिताऊ मैच भी खेले. लेकिन आज ये हॉकी खिलाड़ी सरकारी मदद के अभाव में अपनी प्रतिभा को नष्ट होते हुए देख रहा है. तारा की आँखें किसी चमत्कार की बाट जोह रही है.Next…


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