2016 रिओ ओलंपिक में ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसने देश को गर्व करने का मौका दिया, इसी साल बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने सिल्वर मेडल जीता था और पहली बार भारत की तरफ से किसी ने जिम्नास्ट में झंडे गाड़े थे और ऐसा करने वाली एक 23 साल की लड़की दीपा करमाकर थी. लेकिन आज हम जिसकी बात करेंगे उन्होंने महिला कुश्ती में अपना नाम कमाया और वो नाम है साक्षी मलिक, इस खास पहलवान के जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनका सफर कैसा रहा.
12 साल की उम्र से शुरु की थी पहलवानी
3 सितंबर साल 1992 में पहलाव और ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल विजेता साक्षी मलिक का जन्म हुआ था. साक्षी 1992 को रोहतक में पैदा हुई थी, साक्षी खुद को बतौर पहलवान इसलिए देखना चाहती थी क्योंकि उन्हें पहलवानों की ड्रेस अच्छी लगती थी. पहलवानी का सफर साक्षी ने महज 12 साल की उम्र से शुरु कर दिया. साक्षी के माता-पिता सुदेश और सुखबीर ने उन्हें 12 साल की उम्र में छोटू राम अखाड़े में रेस्लिंग की कोचिंग शुरू करा दी.
ऐसा रहा मेडल और जीत का सफर
2010 में 18 साल की साक्षी ने जूनियर लेवल चैंपियनशिप में पहली जीत चखी, यहां पर उन्हे ब्रॉन्ज मेडल मिला. उसके बाद साक्षी ने साल 2014 में डेव शुल्ज़ इंटरनेशनल टूर्नामेंट में 60 किलो के केटेगरी में गोल्ड मेडल जीता. अगस्त 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल. सितम्बर 2014 में ताशकंद में वर्ल्ड रेस्लिंग चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में हारीं. मई 2015 में दोहा में हुई सीनियर एशियन रेस्लिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता. साल 20016 में ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर वो पहली भारतीय महिला पहलवान बनी जिसे ओलंपिक में पदक मिला .
खेल रत्न और पद्मश्री से नवाजी जा चुकी हैं
साक्षी मलिक को खेल रत्न मिला और पद्मश्री से भी नवाजा गया है, अब उनकी शादी हो चुकी है, अर्जुन अवार्डी पहलवान सतयव्रत कादियान उनके हमसफर हैं.
सत्यव्रत साक्षी मलिक के गुरु के बेटे हैं, सत्यव्रत और साक्षी मलिक एक साथ कई साल से रोहतक में प्रैक्टिस कर रहे हैं. सत्यव्रत 97 किलो वेट कैटेगरी में खेलते हैं और वो भी एक पहलवान हैं….Next
Read More:
इस क्रिकेटर के साथी खिलाड़ी ने दिया था धोखा, पत्नी की वजह से आज भी है दुश्मनी
कोई मॉडल तो कोई होटल में करती थी जॉब, जानें शादी से पहले क्रिकेटर्स की पत्नियों का प्रोफेशन
कभी 400-500 रुपये के लिए दूसरे गांव जाते थे दोनों भाई, आज हैं स्टार खिलाड़ी
Read Comments