भारतीय टेस्ट टीम के लिए दो मैच खेल चुके 20 वर्षीय युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने बड़ौदा के खिलाफ ताबड़तोड़ दोहरा शतक ठोक दिया। विस्फोटक बल्लेबाजी करने वाले पृथ्वी शॉ का कुछ दिन पहले लगा बैन खत्म हुआ है। इस बल्लेबाज ने अपने बल्ले के दम से बता दिया है कि बैन लगने से टैलेंट को कोई फर्क नहीं पड़ता, वह अपनी जगह ढूंढ लेता है।
ठोके थे 330 गेंदों में 546 रन
पृथ्वी शॉ ने 14 साल की उम्र में मैराथन पारी खेलते हुए 330 गेंदों में 546 रन ठोककर बता दिया था कि वह भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं। इस पारी के बाद उन्हें अंडर 19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का हिस्सा बनाया गया। पृथ्वी शॉ ने 2017 में दिलीप ट्रॉफी में शतक लगाकर ऐसा करने वाले भारत के सबसे युवा बल्लेबाज बन गए थे। इससे पहले यह रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के पास था।
डेब्यू मैच में ही ठोका शतक
अपने खेल की बदौलत पृथ्वी शॉ राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनने से पहले आईपीएल के लिए खरीद लिए गए। 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हें भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा बनाया गया। अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शॉ ने तेजतर्रार शतक ठोक दिया था। अब तक शॉ ने कुल दो टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें एक शतक और एक अर्द्धशतक की बदौलत 237 रन बना चुके हैं।
बीसीसीआई ने लगाया प्रतिबंध
जुलाई में बीसीसीआई ने पृथ्वी शॉ पर 6 माह के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया। बिना अनुमति के पेनकिलर लेने के कारण उनपर यह कार्रवाई की गई। अभी पिछले दिनों ही उनका 6 माह का बैन पूरा हुआ है। बैन के बाद रणजी ट्रॉफी के लिए मैदान में उतरे पृथ्वी ने अपने पहले ही मैच में दोहरा शतक ठोक दिया। यह उनके फर्स्ट क्लास करियर का पहला दोहरा शतक है।
मैदान पर चौके-छक्कों की बारिश
पृत्वी शॉ ने मुंबई की ओर से बड़ौदा के खिलाफ रणजी मुकाबले में तूफानी बल्लेबाजी की। इस मैच में शॉ ने मात्र 175 गेंदों का सामना कर 202 रन ठोक दिए। शॉप ने अपनी पारी में तेजतर्रार 19 चौके और 7 गगनचुंबी छक्के जड़े। 4 दिन तक चलने वाले इस मैच की पहली पारी में भी शॉ ने अर्द्धशतक लगाया था।…Next
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