भारत में क्रिकेट के प्रति लोगों की दीवानगी के बारे में तो सभी जानते हैं। यहां गली क्रिकेट खेलते हुए ज्यादातर बच्चे सचिन, धोनी बनने की चाहत रखते हैं। ऐसे देश में जहां क्रिकेट को लेकर इतनी दीवानगी हो, वहां किसी और खेल को खेलने वाले खिलाड़ी की पहचान बनाना वाकई बहुत मायने रखती है। ऐसी ही खिलाड़ी हैं, पीवी सिंधु. जिन्होंने रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।
पीवी सिंधु ने 8 साल की उम्र से उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। उनके पहले कोच थे महबूब अली, लेकिन जल्दी ही वे पी गोपीचंद के बैडमिंटन एकैडमी से जुड़ गईं। वर्ष 2009 में सिंधु ने कोलंबो में जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में हिस्सा लिया जो उनका पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। वर्ष 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर सबसे कम उम्र में ओलंपिक पदक जीतने वाली भारतीय बन गईं।
शानदार रहा कॅरियर
अंतरराष्ट्रीय सर्किट में, सिंधु कोलंबो में आयोजित 2009 सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। उसके बाद उन्होने वर्ष-2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग में रजत पदक जीता। वे इसी वर्ष मेक्सिको में आयोजित जूनियर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची। 2010 के थॉमस और उबर कप के दौरान वे भारत की राष्ट्रीय टीम की सदस्य रहीं।
14 जून 2012 को, सिंधु इंडोनेशिया ओपन में जर्मनी के जुलियन शेंक से 21-14, 21-14 से हार गईं। जुलाई 2012 को वे एशिया यूथ अंडर-19 चैम्पियनशिप के फाइनल में उन्होंने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहरा को 18-21, 21-17, 22-20 से हराया। उन्होंने 2012 में चीन ओपन (बैडमिंटन) सुपर सीरीज टूर्नामेंट में लंदन ओलंपिक 2012 के स्वर्ण पदक विजेता चीन के ली जुएराऊ को 9-21, 21-16 से हराकर सेमी फाइनल में प्रवेश किया। वे चीन के ग्वांग्झू में आयोजित 2013 के विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है। इसमें उन्होने ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल किया था। भारत की उभरती हुई इस बैडमिंटन खिलाड़ी ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 1 दिसम्बर 2013 को कनाडा की मिशेल ली को हराकर मकाउ ओपन ग्रां प्री गोल्ड का महिला सिंगल्स खिताब जीता है।
37 मिनट का दिलचस्प मैच
शीर्ष वरीयता प्राप्त 18 वर्षीय सिंधु ने सिर्फ 37 मिनट चले खिताबी मुकाबले में मिशेल को सीधे गेम में 21-15, 21-15 से हराकर अपना दूसरा ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीता। उन्होंने इससे पहले मई में मलेशिया ओपनजीता था। सिंधु ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और कनाडा की सातवीं वरीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया। पी। वी। सिंधु ने 2013 दिसम्बर में भारत की 78वीं सीनियर नैशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप का महिला सिंगल खिताब जीता।
1 करोड़ से ज्यादा हो गई फीस
सिंधु ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला ऐथलीट हैं, ओलिंपिक में उनकी सफलता के बाद उनकी फीस 15-25 लाख रुपये से बढ़कर 1 करोड़ रुपये से अधिक हो गई थी।…Next
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