भारतीय क्रिकेट टीम इस समय युवा क्रिकेटरों से भरी हुई है. कई नए खिलाड़ी खुद को साबित करने के लिए मैच दर मैच अपनी काबिलियत दर्शा रहे हैं तो कई ऐसे भी युवा खिलाड़ी हैं जो खुद को साबित तो कर चुके हैं लेकिन अभी फॉर्म और फिटनेस की मार झेल रहे हैं. ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं रोहित शर्मा.
रोहित शर्मा ने जब भारतीय टीम की तरफ से खेलना शुरू किया था तब उनके खेल को देखकर खुद क्रिकेट के भगवान ने भी कहा था कि यह लंबी रेस का घोड़ा है. लेकिन लगता है इस घोड़े के दिन आजकल गर्दिश में चल रहे हैं. कई मौकों को ना भुना पाने और दूसरे खिलाड़ियों के आगे निकल जाने की वजह से आज रोहित शर्मा की टीम में जगह नहीं बन पा रही है.
रोहित शर्मा की शैली
दाएं हाथ के गेंदबाज और बल्लेबाज रोहित शर्मा भारतीय टीम के कुछ चुनिंदा चुस्त फिल्डरों में से एक माने जाते हैं. रोहित शर्मा विस्फोटक बल्लेबाजी के साथ-साथ पिच पर टिक कर खेलने के लिए भी जाने जाते हैं. एक परफेक्ट ऑलराउंडर होने के साथ रोहित में टेस्ट, वनडे और टी-20 सभी खेलने की क्षमता है. अकसर मैदान और मैदान के बाहर शर्मीले स्वभाव के रोहित शर्मा को पार्टियों में जरुर मस्ती करते हुए देखा जाता है यानि जैसा रंग वैसे मिजाज के हैं रोहित बाबू.
रोहित अपनी खुद की शैली में बल्लेबाजी करते है. गेंद को देखने की उनकी क्षमता, कलाइयों का इस्तेमाल और टाइमिंग उन्हें दूसरों से अलग बनाती है.
रोहित शर्मा की प्रोफाइल
30 अप्रैल, 1987 को जन्मे राहुल शर्मा का पूरा नाम रोहित गुरुनाथ शर्मा है. नागपुर में जन्मे रोहित का बचपन कठिनाई में बीता. उनके पिता एक ट्रांसपोर्ट फर्म में कर्मचारी थे और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हे काफी संघर्ष करना पड़ता था. रोहित अपने चाचा के घर रहकर बड़े हुए. किशोरावस्था में रोहित ने एक क्रिकेट कैंप को ज्वाइन किया और इसी कैंप में उनकी मुलाकात कोच दिनेश लाड (Dinesh Lad) से हुई, जिन्होंने उनका जीवन हमेशा के लिए बदल दिया. लाड ने उनसे क्रिकेट की बेहतर कोचिंग के लिए स्कूल बदलने को कहा, लेकिन रोहित इसे अफोर्ड नहीं कर सकते थे. स्पोर्ट स्कॉलरशिप और लाड के अमूल्य योगदान ने उन्हे सही रास्ते पर ला दिया.
स्कॉलरशिप से उन्हें स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल (Swami Vivekanand International School) में दाखिला मिला और पढ़ाई के साथ खेल का उनका सपना भी पूरा हुआ.
रोहित शर्मा का शुरुआती कॅरियर
स्कूल के दिनों से ही रोहित महत्वपूर्ण मौकों के खिलाड़ी के रूप में जाने जाते रहे हैं. बैकफुट पर खेलने की गजब की प्रतिभा रखने वाले रोहित शॉट्स खेलने से कभी नहीं घबराते और वे अपने पसंदीदा स्क्वायर कट और स्ट्रेट ड्राइव सरीखे शॉट्स हर स्थिति में खेलने की दक्षता रखते हैं. 2006 से ही रोहित अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में प्रदार्पण करने की कगार पर खड़े थे. वे इस साल आयोजित हुई चैंपियन्स ट्रॉफी और वर्ल्ड कप की भारतीय टीम के भी संभावित खिलाड़ी रहे थे. इसी वर्ष घरेलू मैचों में उन्होंने अपना पहला रणजी शतक बनाया और मुंबई को रणजी ट्रॉफी जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
रोहित शर्मा का अंतरराष्ट्रीय कॅरियर
रोहित शर्मा को अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने का पहला मौका 2007 के आयरलैण्ड दौरे पर मिला पर अपने प्रर्दापण मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला.
लेकिन टी-20 विश्व कप के दौरान पहली बार रोहित शर्मा दर्शकों को आकर्षित करने में सफल रहे. टी-20 विश्व कप के दौरान रोहित शर्मा ने द. अफ्रीका के खिलाफ अर्धशतक ठोंक कर पहले अपनी काबिलियत साबित की फिर मैच-दर-मैच टीम की मजबूत नींव तैयार की. टूर्नामेंट खत्म होते-होते रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के नए सितारे बन चुके थे.
इसके बाद आया आईपीएल का मैदान, और यहां भी रोहित शर्मा ने अपना टी-20 प्रेम दिखलाया. रोहित ने लीग में डेक्कन चार्जर्स की ओर से खेलते हुए प्रतियोगिता में 36.73 की औसत से 404 रन बनाए और वे प्रतियोगिता के अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ियों में एक रहे.
रोहित शर्मा ने कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में आस्ट्रेलिया के खिलाफ जिम्मेदारी भरे दो तथा बीते एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ एक अर्ध शतक बनाकर अपनी प्रतिभा के संकेत दे दिए हैं. लेकिन विराट कोहली, सुरेश रैना जैसे युवा खिलाड़ियों के साथ मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा और फॉर्म और फिटनेस की मार ने रोहित को थोड़े समय के लिए टीम से दूर कर दिया है लेकिन उम्मीद है जल्द ही वह टीम में वापसी करेंगे और सचिन की बोली हुई बात को सच साबित करेंगे.
रोहित शर्मा की उपलब्धियां
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