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एक अकेली महिला दे रही है क्रिकेट को टक्कर

saina nehwalजिस देश में क्रिकेट का आवभगत किया जाता हो और जहां इसके करोड़ो दीवाने हों वहां किसी दूसरे खेल की कल्पना करना बेमानी लगता है. लेकिन भारत की एक ऐसी महिला खिलाड़ी है जिसने अपने खेल के दम पर न केवल अपना और देश का नाम ऊंचा किया बल्कि क्रिकेट को लेकर जो जनमानस में सोच है उसमें भी सेध लगाई. यहां बात हो रही है बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की.


महिलाओं के लिए खोले रास्ते

खेल हर कोई खेलता है लेकिन किसी खेल को विपरीत परिस्थितियों में एक नई उंचाई देने का काम केवल वही खिलाड़ी कर सकता है जिसके अंदर अपने खेल के प्रति जज्बा और जुनून हो. महिला होने के नाते सायना नेहवाल ने अपने खेल में सुधार करके न केवल उन लोगों का मुंह बंद किया जो अकसर मानते थे कि बैडमिंटन और टेनिस जैसे खेल महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं हैं बल्कि बैडमिंटन जैसे खेल में महिलाओं के लिए रास्ते भी खोल दिए. उन्हीं से प्रेरणा लेकर पी. वी. सिंधु जैसी खिलाड़ी विश्व मंच पर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं.


चीन के डर को किया समाप्त

आज अगर खेल में किसी देश का परचम लहरा रहा है तो वह चीन है. ओलंपिक में पदकों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन के खिलाड़ियों का विश्व में क्या स्थान है. उन जैसी खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पटखनी देना अगर किसी ने सिखाया है तो वह सायना नेहवाल हैं. बैडमिंटन में चायनीज खिलाड़ियों का दबदबा रहता है. बहुत ही ऐसे कम मौके आए हैं जहां चीन के खिलाड़ियों ने घुटने टेके हों लेकिन सायना नेहवाल ने न केवल इनका डटकर सामना किया बल्कि कई मौकों पर इन्हें हराया भी है.


सायना नेहवाल का व्यस्त कार्यक्रम

बैडमिंटन खिलाड़ी के तौर पर सायना में हर वह गुण हैं जो उन्हें महान खिलाड़ी बना सकते हैं. उनके खेल के जुनून और लगाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह बैडमिंटन के अलावा किसी और विषय में ज्यादा नहीं सोचतीं. अपने खेल को लेकर उनका टाइम टेबल बहुत ही ज्यादा सख्त है. बैडमिंटन से अगर उन्हें थोड़ा बहुत समय मिलता है तो वह फिल्में देखना पसंद करती हैं.


सायना नेहवाल का शुरुआती जीवन

17 मार्च, 1990 को हरि‍याणा-हि‍सार में जन्‍मी साइना नेहवाल अपने खेल को लेकर काफी संजीदा थीं. उनका खेल के प्रति जज्बा बचपन से ही था. हर एक मैच के बाद अपने खेल में क्या सुधार किया जा सकता है इस पर वह निरंतर विचार करती थीं. सामने वाले खिलाड़ी को कैसे मात देना है उसको लेकर अपने कोच पुलेला गोपीचंद के साथ योजनाएं बनाती थीं.


सायना नेहवाल की उपलब्धियां

  1. सायना नेहवाल 2010 में विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर रह चुकी हैं. वर्तमान में उनकी रैंकिंग तीसरी है.
  2. सायना पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में पदक हासिल किया.
  3. वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया.
  4. उनके नाम तीन इंडोनेशियाई ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब भी है.

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