साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियाई ओपन में भारत का अब तक का सफर बेहद औसत रहा है. अभी तक जहां एकल में भारत की एकमात्र उम्मीद सानिया मिर्जा शुरुआती दौर में ही हारकर बाहर हो गईं वहीं दूसरी ओर मिश्रित युगल में सानिया और भूपति की जोड़ी जीत हासिल करने में सफल रही और लिएंडर पेस और उनके चेक गणराज्य के जोड़ीदार राडेक स्टेपानेक भी युगल के अगले दौर में पहुंच गए.
क्रिकेट टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद टेनिस में भी भारत को आस्ट्रेलिया से अच्छी खबर सुनने को नहीं मिली तथा एकल में उसकी एकमात्र उम्मीद सानिया मिर्जा साल के पहले ग्रैंडस्लैम आस्ट्रेलियाई ओपन के शुरुआती दौर में ही हारकर बाहर हो गईं. इसके साथ ही एकल में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गई, क्योंकि सोमदेव देवबर्मन कंधे की चोट के कारण इस टूर्नामेंट में भाग नहीं ले रहे हैं.
लेकिन युगल और मिश्रित मुकाबलों में भारत की किस्मत ने अच्छा साथ दिया है. भूपति और बोपन्ना की भारत की नई ‘इंडियन एक्सप्रेस’ जोड़ी ने आस्ट्रेलिया के मैथ्यू एबडन और क्रिस गुसियोन की जोड़ी के खिलाफ एक सेट से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए एक घंटे 43 मिनट में 5-7, 6-4, 6-4 से जीत दर्ज की. वहीं पेस और उनके चेक गणराज्य के जोड़ीदार स्टेपानेक ने आस्ट्रेलिया के ग्रेग जोंस और जान पैट्रिक स्मिथ को एक घंटे 13 मिनट में 6-2, 6-2 से शिकस्त दी.
वर्ष 2010 में खिताब जीतने वाली छठी वरीयता प्राप्त सानिया और भूपति की जोड़ी ने दक्षिण अफ्रीका की नताली ग्रांडीन और नीदरलैंड्स के जीन-जूलियन रोजर की जोड़ी को 6-4, 6-2 से पराजित किया. महिला युगल के पहले दौर के मुकाबले में सानिया और रूस की एलेना वेस्नीना की जोड़ी ने शानदार जीत कर दूसरे दौर में प्रवेश किया.
क्रिकेट के मैदान से परे आस्ट्रेलिया में टेनिस भी इस समय चरम पर है. साल के पहले ग्रैंड स्लैम में सभी खिलाड़ी अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं. भारतीय दावेदारी पेस, भूपति, बोपन्ना और सानिया मिर्जा पर टिकी है. देखते हैं क्रिकेट की हार के बाद क्या टेनिस भारतीय खेल दर्शकों को खुशी दे पाएगी?
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