न्यूजीलैंड महिला क्रिकेट का सबसे बड़ा नाम बन चुकीं सूजी बेट्स के खेल का कायल आईसीसी भी है। आईसीसी ने सूजी बेट्स को उनके 32वें जन्मदिन की बधाई दी है। आंकड़े बताते हैं कि इस महिला खिलाड़ी के मैदान पर उतरते ही विपक्षी खिलाडि़यों के पसीने छूट जाते हैं। वह महिला टी 20 क्रिकेट की आईसीसी रैंकिंग में पहले स्थान पर हैं। न्यूजीलैंड के क्रिकेट प्रशंसक सूजी को न्यूजीलैंड का सचिन तेंदुलकर कहते हैं। खास बात ये है कि इस खिलाड़ी ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच भारत के खिलाफ खेला था।
घर के पिछवाड़े खेलती थीं क्रिकेट
2005 में ऑकलैंड के खिलाफ खेली गई ताबड़तोड़ पारी के बदौलत सूजी बेट्स को पहली बार विश्व क्रिकेट में पहचान मिली। इस मैच में सूजी बेट्स ने ओटागो के लिए ऑकलैंड के खिलाफ खेलते हुए 152 गेंदों में 183 रन ठोके थे। इस मैच में सूजी ने गेंदबाजों की इतनी धुनाई की थी कि उनके पसीन छूट गए थे। इस मैच के बाद सूजी को न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय महिला टीम में चुन लिया गया था। सूजी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें बहुत कम उम्र से ही क्रिकेट के प्रति लगाव हो गया था। वह अपने दोनों भाई टॉम और हेनरी को घर के पीछे वाले हिस्से में क्रिकेट खेलते देखती थीं। यहीं से उन्हें क्रिकेट सीखने की ललग जाग गई। बाद के दिनों में वह अपने भाइयों के साथ क्रिकेट खेलने लगीं। न्यूजीलैंड में ओटागो राज्य के डुनेडिन शहर में जन्मी सूजी बेट्स ने क्रिकेट का ककहरा अपने भाइयों से सीखा। वह पहली बार ऑफिशियली तब क्रिकेट खेलीं जब वह 15 साल की थीं और हाईस्कूल में पढ़ती थीं।
भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज
स्टेट लीग के तहत ओटागो के लिए 2005 में ऑकलैंड के गेंदबाजों की ताबड़तोड़ धुनाई करने के बाद सूजी बेट्स का चयन न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय महिला टीम में कर लिया गया। सूजी ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज भारतीय टीम के खिलाफ पहला वनडे मैच खेलकर किया था। 4 मार्च 2006 को खेला गया यह मैच न्यूजीलैंड ने 7 विकेट खोकर जीत लिया था। 2007 में सूजी बेट्स को टी20 क्रिकेट टीम में भी शामिल किया गया। सूजी ने अपना पहला टी20 मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 10 अगस्त 2007 को टांटन में खेला। इस मैच में सूजी ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए मात्र 37 गेंदों में 62 ठोक डाले। इस पारी में सूजी ने तेजतर्रार 11 चौके लगाए।
सूजी बेट्स ने तोड़ दिए रिकॉर्ड्स
लंबे समय तक न्यूजीलैंड महिला क्रिकेट टीम की कप्तान रहीं सूजी बेट्स के खेल अद्भुद खेल के चलते न्यूजीलैंड ने सर्वाधिक वनडे रन का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। 8 जून 2018 को आयरलैंड के खिलाफ खेले गए मैच में न्यूजीलैंड की टीम ने रिकॉर्ड 50 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 490 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। इससे पहले तक 1997 में 455 रनों का रिकॉर्ड बनाया गया था। इस मैच में सूजी बेट्स विपक्षी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ कर रख दी। सूजी ने ताबड़तोड़ 94 गेंदों में 151 रनों की पारी खेली। यह उनकी दूसरी सर्वश्रेष्ठ पारी रही। न्यूजीलैंड ने यह मैच रिकॉर्ड 346 रनों से जीत लिया। इसके पहले 2009 वर्ल्ड कप के दौरान सूजी ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए 168 रन ठोक डाले। यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का तीसरा हाईएस्ट स्कोर भी है। वर्ल्ड कप के सुपर सिक्स मुकाबले में सिडनी ग्राउंड पर पाकिस्तान के खिलाफ सूजी ने 105 गेंदों की पारी में 19 चौके और 6 छक्के ठोके थे। न्यूजीलैंड ने यह मैच 223 रन से जीत लिया था। इस वर्ल्ड कप में सूजी ने कुल 407 रन ठोककर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था।
रिकॉर्ड के शिखर पर सूजी
सूजी ने अपने क्रिकेट करियर में कई मुकाम हासिल करते हुए रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी। आईसीसी के मुताबिक सूजी अपने उम्दा प्रदर्शन की बदौलत 2013 और 2016 में आईसीसी महिला वनडे क्रिकेटर ऑफ द इयर का खिताब जीतने वाली खिलाड़ी बनीं। इसके अलावा सूजी न्यूजीलैंड के लिए वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी भी हैं। वनडे क्रिकेट में उन्होंने अब तक 115 पारियों में 4392 रन बनाए हैं। वनडे में 10 शतक और 25 अर्द्धशतक के साथ कुल 532 बाउंड्री उनके नाम दर्ज हैं। इसी तरह सूजी की तूती वनडे के अलावा टी20 क्रिकेट में भी बोलती है। वह 2016 में आईसीसी महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर रही हैं। आईसीसी के मुताबिक टी20 क्रिकेट में उन्होंने सर्वाधिक 3100 रन बनाए हैं। टी20 में नॉटआउट सर्वाधिक 124 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी सूजी ने खेली है। एक टी20 शततक और 21 अर्द्धशतक के साथ कुल 376 बाउंड्री सूजी के नाम दर्ज हैं।
क्रिकेट ही नहीं बॉस्केटबॉल की भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
सूजी बेट्स की रग रग में खेल बसा हुआ है इस बात का अंदाजा आप उनके अंतरराष्ट्रीय बॉस्केटबॉल खिलाड़ी होने से लगा सकते हैं। जबर्दस्त एथलेटिक स्किल्स की धनी सूजी ने न्यूजीलैंड की महिला बॉस्केटबॉल खिलाड़ी के तौर पर 2008 में चीन के बीजिंग आयोजित हुए ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। इस दौरान वह टीम की कप्तान भी रहीं। बाद में क्रिकेट में करियर संवारने के इरादे से सूजी ने बॉस्केटबॉल को अलविदा कह दिया और क्रिकेट को अपना लिया।…Next
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