“उसके बल्ले में करोड़ों की आशाएं हैं
छोटा सा कद परन्तु, परन्तु देश का बोझ उठाता है
लिटिल है पर मास्टर कहलाता है
सचिन तेंदुलकर नाम है उसका, वह देश की धड़कन कहलाता है”
बंगलोर टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हरा यह दिखा दिया कि टेस्ट मैच के बादशाह अब ऑस्ट्रेलिया नहीं बल्कि टीम इंडिया है. युवा खिलाड़ी ओझा, मुरली विजय से लेकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सभी ने पूरी सीरीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया और बोर्डर – गवास्कर ट्राफी टेस्ट सीरीज़ 2-0 से अपने कब्ज़े में कर ली. हालांकि दोनों टीमों के बल्लेबाजों और गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन किया लेकिन इन सब के बीच जो एक चीज़ भारत की जीत का कारण बनी वह था सचिन तेंदुलकर.
सचिन तेंदुलकर – देश की धड़कन
सचिन तेंदुलकर के रिकार्ड उनकी महानता का गुणगान करते हैं. भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली उर्फ़ “दादा” ने तो यह तक कह दिया था कि मुझे सचिन में भगवान दिखते हैं.
बंगलोर टेस्ट में हुए भगवान के दर्शन
बंगलोर टेस्ट मैच शुरू होने से पहले ऑस्ट्रलिया के माइकल हसी ने भारत को सावधान रहने को कहा था लेकिन ऑस्ट्रलिया वाले शायद यह नहीं जानते थे कि भले ही भारतीय टीम में आज लक्ष्मण नहीं खेल रहे हों लेकिन भारतीय टीम में ऑस्ट्रलिया के कालदूत सचिन तेंदुलकर ज़रूर खेल रहे थे. हालांकि पहले टेस्ट मैच में शतक के इतने करीब पहुंचकर आउट होने का मलाल तो उन्हें ज़रूर था. इसीलिए पहली शॉट से ही उनके मंसूबे साफ़ हो गए थे और उन मंसूबों का फल था उनका “49वां शतक या छठा दोहरा शतक.”
बंगलोर टेस्ट में सचिन के दोहरे शतक की सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने जिस तरह से मुरली विजय को अपने साथ खिलाया वह काबलेतारीफ़ था. जिसके कारण विजय ने भी अपने टेस्ट कॅरियर का पहला शतक लगाया. अक्सर यह देखा गया है कि जब भी सचिन किसी बल्लेबाज़ को अपने साथ खिलाते हैं तो बल्लेबाज़ अच्छा खेलता है. शायद इससे यह भी साबित होता है कि सचिन केवल व्यक्तिगत रिकॉर्ड के लिए नहीं बल्कि टीम के लिए खेलते हैं.
अगर हम 2009 के दिसम्बर से अब तक सचिन के आंकड़े देखें तो सचिन ने इस दौरान छः टेस्ट शतक जड़े हैं और हज़ार से भी ज़्यादा रन बनाए हैं. इसके अलावा “आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द इयर सचिन तेंदुलकर” ने एक ऐसा कीर्तिमान रचा जिसकी लोग कल्पना करते हैं. एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक मारने वाले वह पहले पुरुष बल्लेबाज़ बने.
सचिन तेंदुलकर को रिकार्ड का देवता भी कहा जाता है. टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा शतक, सबसे ज़्यादा रन और सबसे ज़्यादा मैन ऑफ द मैच सभी रिकार्ड सचिन के खाते में हैं. और बंगलोर टेस्ट मैच में भी उन्होंने एक और रिकार्ड अपने नाम किया जब वह टेस्ट क्रिकेट में 14,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज़ बन गए.
रन मशीन सचिन तेंदुलकर न केवल एक महान क्रिकेटर हैं बल्कि क्रिकेट खेल के जेंटलमैन हैं. कभी किसी ने सचिन को किसी भी विवाद में फंसा देखा है! शायद नहीं और यही उनकी महानता बयां करता है.
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