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‘गोल्डन गर्ल’ विनेश फोगाट 13 दिसंबर को करेंगी शादी, ऐसे शुरू हुई थी लव स्टोरी

कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स की गोल्ड मेडल विजेता पहलवान विनेश फोगाट 13 दिसंबर को पहलवान सोमवीर राठी के साथ परिणय सूत्र में बंधेगी। विनेश ने जींद के रहने वाले सोमवीर के साथ इस साल अगस्त में एशियाई खेलों से लौटने के बाद हवाई अड्डे पर सगाई की थी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार शादी का कार्यक्रम बेहद सादगी भरा होगा, जिसमें परिवार के लोग और करीबी रिश्तेदार मौजूद रहेंगे। विनेश और सोमवीर दोनों रेलवे में नौकरी करते हैं। सोमवीर राठी भी राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके।

Shilpi Singh
Shilpi Singh9 Dec, 2018

 

 

नौकरी के दौरान हुआ प्यार

चरखी दादरी के बलाली की 24 साल की विनेश फोगाट और सोनीपत में खरखौदा के सोमवीर राठी ने एक-दूसरे को सगाई की अंगूठी पहनाई थी। इस दौरान विनेश की मां और सोमवीर के परिजन भी मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे की नौकरी के दौरान ही इन दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और दोस्ती प्यार में बदल गई और अब इन दोनों ने जिंदगी एक साथ बिताने का फैसला कर लिया है।

 

 

मुश्किलों से भरा जीवन

बचपन से लेकर एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने तक का सफर विनेश के लिए कभी आसान नहीं रहा। उन्होंने न सिर्फ अपनी निजी जिंदगी की कठिनाइयों को पार किया, बल्कि मजबूत हौसले के साथ आगे बढ़ती रहीं। महज दस साल की उम्र में ही जमीन विवाद के चलते उनके पिता राजपाल का मर्डर हो गया था, जो उनके जीवन की सबसे बड़ी दुखद घटना थी.। लेकिन विनेश के जीवन से ताऊ महावीर फोगाट ने इस खालीपन को भरने की कोशिश शुरू की, उन्होंने विनेश को पहलवानी के गुर सिखाने शुरू किए। ताऊ महावीर और विनेश की मेहनत रंग लाई और वो देश की अंतरराष्ट्रीय पहलवान बन गईं।

 

 

कुश्ती से थी पहले दूर

विनेश की काबिलियत में तो कोई कमी नहीं थी, लेकिन कुश्ती में उनकी रुचि नहीं थी। इसलिए वह शुरू-शुरू में रेसलिंग पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थीं। बचपन में विनेश को गांववालों के विरोध को देखकर कुश्ती से दूर थी। लेकिन बाद में उनकी रूचि इस खेल में बढ़ती गई। उन्होंने साल 2013 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप के 51 किलोग्रा वर्ग में कांस्य और रजत पदक जीतकर अपना दम दिखाया।

 

 

चोट ने किया परेशान

एक बार फिर नई चुनौतियां विनेश का इंतजार कर रही थीं। रियो ओलंपिक में पैर में चोट के चलते उनके भविष्य पर सवाविया निशान लग गए। लेकिन कभी न हार मानने विनेश ने इस मुसिबात का सामना पूरे हौसले के साथ किया। फिट होकर कड़ी ट्रेनिंग में जुट गईं, 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद 18वें एशियन गेम्स में ‘गोल्ड मेडल’ जीतकर इतिहास रच दिया।

 

 

2020 टोक्यो ओलंपिक पर नजर

23 साल की विनेश ने अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को कई पदक दिलाए हैं। 2014 और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। इंचियोन एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया, इस बार उन पर पदक के रंग बदलने का दबाव था जिसे उन्होंने आसनी से हासिल किया। इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप में विनेश तीन सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर चुकी है।…Next

 

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