भारत में शतरंज जैसे पारंपरिक खेल को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अगर किसी खिलाड़ी को श्रेय जाता है तो वह हैं ‘मद्रास टाइगर’ और ‘विशी’ के उपनामों से प्रसिद्ध विश्वनाथन आनंद. दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल शतरंज का प्रतिनिधित्व पूरे विश्व भर में विश्वनाथन आनंद पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं. हालांकि हाल में उनका प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा है. हाल ही में नार्वे के 22 साल के होनहार मैग्नस कार्लसन ने भारत के विश्वनाथन आनंद की बादशाहत को खत्म करते हुए यह सर्वोच्च मुकाम हासिल किया.
विश्वनाथन आनंद के जीवन से जुड़ी कुछ बातें :
1. विश्वनाथन आनंद का जन्म 11 दिसंबर, 1969 को तमिलनाडु के मायिलादुथुरै में हुआ.
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2. छह साल की उम्र से ही विश्वनाथन आनंद अपनी मां के साथ शतरंज की बिसात पर चालें चला करते थे.
3. 14 साल की उम्र में आनंद ने नेशनल सब-जूनियर लेवल पर जीता. साल 1984 में 16 साल की उम्र में उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप जीतकर सबको चौंका दिया और उन्होंने ऐसा लगातार दो साल किया.
3. 1987 में वर्ल्ड जूनियर चेस चैंपियनशिप जीतने वाले वह पहले भारतीय बने. यही वही साल था जब आनंद भारत के पहले खिलाड़ी बने जिसने वर्ल्ड जूनियर चेस चैंपियनशिप जीती. साल 1988 में वह 18 साल की उम्र में ही भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बन गए थे.
4. साल 2000 में पहली बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतकर उन्होंने भारत की तरफ से पहला शतरंज विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया.
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5. वर्ष 2007 में एक बार फिर उन्होंने विश्व शतरंज प्रतियोगिता अपने नाम किया और इसी क्रम में उन्होंने साल 2010 में भी विश्व चैंपियन का खिताब जीता.
6. साल 2012 में भारत के विश्वनाथन आनंद ने मॉस्को में इजराइल के बोरिस गेलफैंड को टाईब्रेकर में हरा कर पांचवीं बार वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप पर कब्जा कर लिया.
7. विश्वनाथन आनंद को साल 1985 में उन्हें खेल के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने के लिए “अर्जुन अवार्ड” से सम्मानित किया गया था.
8. साल 1991-92 में वह पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्हें “राजीव गांधी खेल रत्न” से सम्मानित किया गया.
9. साल 1987 में पद्मश्री, राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से भी आनंद को नवाजा गया था.
10. साल 2007 में उन्हें “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया.
11. 1997, 1998, 2003, 2004, 2007 और 2008 में उन्होंने “शतरंज ऑस्कर” जीता.
12. हाल ही में पांच बार के विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद को उनके योगदान को देखते हुए भारत रत्न देने की मांग की गई.
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