भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों और अधिकारियों ने सोमवार को विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के विवादास्पद अनिवार्य स्कर्ट नियम को दिसंबर तक टालने के फैसले का स्वागत किया. खिलाड़ियों और अधिकारियों ने साथ ही उम्मीद जताई कि संस्था फिर नए सिरे से चर्चा के बाद बेहतर नियम लेकर आएगी.
चीन के किंगदाओ में बैठक के दौरान बीडब्ल्यूएफ परिषद ने स्कर्ट के अनिवार्य इस्तेमाल से संबंधित नियम को लागू नहीं करने का फैसला किया. परिषद ने साथ ही ‘बैडमिंटन समिति में शामिल महिलाओं की सिफारिश स्वीकार करने के बाद स्कर्ट से संबंधित नए नियम की आगे जांच करने का फैसला किया.’ यह नया नियम शुरुआत में एक मई से लागू होना था लेकिन इस पर विभिन्न खिलाड़ियों और अधिकारियों की प्रतिक्रिया के बाद इसे एक जून तक टाल किया गया था. इस नियम का भारत और कुछ अन्य एशियाई देशों ने मुखर विरोध किया था. भारत की शीर्ष युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा कि बीडब्ल्यूएफ ने और चर्चा करके अधिक व्यावहारिक नियम तैयार करने की कोशिश करके सही काम किया है.
इस नियम को टालने का फैसला एथलीट आयोग की प्रतिक्रिया मिलने के बाद किया गया. एथलीट आयोग बीडब्ल्यूएफ परिषद में खिलाड़ियों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है और इसे पूर्ण वोटिंग अधिकार हासिल हैं. बैडमिंटन समिति में महिलाओं की प्रमुख पूर्व विश्व चैंपियन नोरा पेरी ने कहा, ‘काफी प्रतिक्रियाएं आईं और इन सभी प्रतिक्रियाओं, विशेषकर एथलीट आयोग की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखने के बाद परिषद को हमारी सिफारिश है कि वह कपड़ों संबंधी नया नियम लागू करने से पूर्व और अध्ययन करे.’ पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी मधुमिता बिष्ट ने कहा कि जितनी बार नियम को टाला गया उससे संकेत मिलते हैं कि बीडब्ल्यूएफ सही नियम लाने के लिए समय ले रहा है. मधुमिता ने कहा, ‘भारत, चीन, इंडोनेशिया जैसे देशों के अलावा कुछ यूरोपीय देशों ने भी इस पर आपत्ति की और वह इसे अनिवार्य नहीं बना सकते. अब उम्मीद करती हूं कि वे इस पर अच्छी तरह गौर करेंगे और सभी संघों से बात करके सही फैसला करेंगे.’
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