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शुरु हो गया टेनिस का महाकुंभ (Wimbledon 2011)


20 जून, 2011 से 3 जुलाई, 2011 तक दुनियाभर के टेनिस प्रेमियों की नजर टेनिस का महाकुंभ कहे जाने वाले विंबलडन(Wimbledon) टेनिस पर टिकी रहने वाली है. इस साल का विंबलडन कुछ ज्यादा ही खास है, क्योंकि ये इस प्रतियोगिता का 125वां संस्करण होगा. 1877 में शुरू हुई ये प्रतियोगिता केवल दो बार कुछ साल के लिए बाधित रही और इसका कारण था पहला और दूसरा विश्व युद्ध.


इस आयोजन की शुरुआत के पहले ही बंधे समां ने जाहिर कर दिया था कि इस बार जरूर कुछ खास होगा. आयोजन की शुरूआत से पहले सभी महिला टेनिस खिलाड़ियों (Female Tennis Players) ने विंबलडन से जुड़ी 125 चीजों की प्रदर्शनी में हिस्सा लिया. इस प्रदर्शनी में लोग चीजों से ज्यादा टेनिस(Tennis) की खूबसूरत बालाओं को देख मंत्र-मुग्ध थे. 125वें विंबलडन पर इसका एक खास लोगो भी जारी किया गया.


tennis_india_Bigकौन बनेगा तीसमार खां


साल का तीसरा टेनिस ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट(Grand Slam Tournaments) ब्रिटेन के विंबलडन में शुरु हुआ. इस महा आयोजन से पहले ही इस संग्राम के अहम मुकाबलों और सिपाहियों के बारे में साफ हो गया है. सर्बिया के नोवाक जोकोविक(Novak Jovovich), स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर(Roger Federer) और ब्रिटेन के एंडी मरे(Andy Murray) और नडाल(Rafael Nadal) कुछ ऐसे सितारे हैं जिन पर सभी की नजरें टिकी होंगी. राफेल नडाल(Rafael Nadal) और सेरेना विलियम्स(Serena williams) पिछले बार के विजेता हैं सो उनसे भी उम्मीदें काफी होंगी. नडाल पिछले काफी समय से सफलता की बुलंदियों पर सवार हैं. लेकिन रोजर फेडरर को नजरअंदाज कर पाना किसी भी टेनिस स्टार के लिए मुमकिन नहीं है. छह बार दुनिया के सबसे बड़े ग्रैंड स्लैम को जीतने वाले रोजर इस बार फिर अपनी बादशाहत बचाने के लिए जी-जान एक कर देंगे.

महिलाओं की जंग


अगर महिलाओं की बात करें तो सेरेना विलियम्स(Serena Williams)और वीनस विलियम्स(Venus Williams) दोनों ही कोर्ट पर अपनी छाप छोड़ने को बेकरार हैं. लेकिन फ़्रेंच ओपन जीतकर तहलका मचाने वाली चीन की ली ना इस बार विंबलडन में खिताब की तगड़ी दावेदार मानी जा रही हैं. महिला मुक़ाबले में बेल्जियम की किम क्लिस्टर्स(Kim Clijsters), अमरीका की वीनस विलियम्स(Venus Williams) और सेरेना विलियम्स, रूस की मारिया शारापोवा और डेनमार्क की कैरोलीन वोज्नियाकी भी कड़ा मुक़ाबला पेश कर सकती हैं.


भारत की चुनौती


अगर भारत की बात की जाए तो सिंग्लस से ज्यादा भारत को डबल्स में उम्मीदें हैं. भारत की तरफ से सानिया मिर्जा(Sania Mirza) और सोमदेव देवबर्मन(Somdev Devvarman) सिंगल्स वर्ग में भाग लेंगे और जीतने की कोशिश करेंगे. दोनों ही खिलाड़ी इस समय बेहतर फार्म में हैं लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीदें होंगी लिएंडर पेस(Leander Paes) और महेश भूपति(Mahesh Bhupathi) की जोड़ी पर जो 12 साल बाद फिर खिताब जीतने की कोशिश करेंगे.


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