टेनिस एक ऐसा गेम है जहां खिलाड़ी की एक गलती की वजह से कब पासा पलट जाए किसी को पता भी नहीं चलता. इस खेल में कुछ ही खिलाड़ियों को स्टार का दर्जा प्राप्त होता है जो फाइनल तक का सफर तय करते हैं लेकिन यही स्टार जब एक मामूली खिलाड़ी से हार जाते हैं तो उस समय ऐसा लगता है जैसे किसी भी खेल में बड़े खिलाड़ी को हराना इतना मुश्किल भी नहीं है.
अभी विश्व के पूर्व नंबर एक स्पेन के टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल को फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट 2013 का खिताब जीते हुए बीस दिन भी नहीं हुए कि विम्बलडन के शुरुआती दौर में इतिहास में सबसे शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा है. कोई सोच भी नहीं सकता कि जिस खिलाड़ी के नाम बारह ग्रैंड स्लैम हों वह खिलाड़ी 135वें नंबर के खिलाड़ी से हार गया.
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गौरतलब है कि विंबलडन में एटीपी रैंकिंग में पांचवें नंबर पर मौजूद नडाल का सामना बेल्जियम के स्टीव डार्सिस से हुआ था. राफेल नडाल ने बाएं घुटने की चोट से उबरने के बाद फरवरी 2013 में कोर्ट पर वापसी की थी. यह माना जा रहा था फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट जीतने के बाद नडाल के हौसले सातवें आसमान पर होंगे. वह विंबलडन में भी फाइनल तक का सफर तय करके अपने विरोधियों को टक्कर देंगे. लेकिन जिस तरह से स्टीव डार्सिस ने प्रदर्शन किया उसके बाद तो नडाल का हौसला धराशायी होने में वक्त भी नहीं लगा. डार्सिस ने पांचवीं वरीयता प्राप्त नडाल को 7-6, 7-6, 6-4 से मात दी. इस जीत के बाद बेल्जियम के डार्सिस के खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
आपके बताते चलें कि नडाल पिछले साल भी दूसरे दौर में ही हारकर विंबलडन से बाहर हो गए थे. उन्हें चेक गणराज्य के लुकास रोसोल ने हराया था. 100वीं वरीयता प्राप्त रोसोल ने नडाल को 6−7, 6−4, 6−4, 2−6 और 6−4 से हराया था. नडाल के अलावा 1997 में गुस्तावो कुत्रेन फ्रेंच ओपन चैम्पियन होने के बावजूद विम्बलडन के पहले दौर में हार गए थे.
एकल खिताब के रूप में राफेल नडाल ने अब तक 12 ग्रांड स्लैम अपने नाम किया है जिसमें रिकॉर्ड आठ बार फ्रेंच ओपन का खिताब भी शामिल है.
आस्ट्रेलियन ओपन: 2009
फ्रेंच ओपन: 2005, 2006, 2007, 2008, 2009, 2011, 2012, 2013
विंबलडन: 2008, 2010
अमेरिकी ओपन: 2010
टेनिस खिलाड़ी.
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