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प्रवाह के साथ बढ़ें

mere khayaal, shayad aapke bhi hon :)
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कुछ लोग छोटे स्तर से शुरू करके बड़े स्तर तक जाते हैं और बड़े स्तर से शुरू करके छोटे स्तर तक आते हैं | कुछ लोग इसके विपरीत करते हैं | आप बात करते समय देखें की छोटे स्तर वाले से बात कर रहे हैं या यूनिवर्सल स्तर वाले से, उसी के अनुसार पेश आयें, वरना सही तालमेल नहीं बन पायेगा | निरीक्षण व लचीलापन सफलता की कुंजी है | इसी पैटर्न को हम ‘लार्ज चंक थिंकर’ या ‘स्माल चंक थिंकर’ भी कहते हैं | अक्सर एक पत्नी स्माल से बड़े चंक की और जाती है, जबकि पति बड़े से छोटे चंक की और जाता है | पति-पत्नी में अक्सर सही तालमेल न हो पाने की यही एक वजह होती है |

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