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महंगाई की मार ,आम आदमी बेहाल

aawaz
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महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है ,आमदनी के हिसाफ से आदमी चेजें समेटा है
फिर भी उसे महीने की आखिर मैं उधार लेना पढता है . ज़रूरत की चीज़ों ही वो हिसाफ से लता हूँ और सोचता है की कुछ बच जाए लेकिन हर बार महंगाई की मार ऐसे पड़ती है की अब सोचता हूँ की बस ज़रूरत की चीज़े अ जाये
बड़ा ही अशचर्या होता है ,जब में कुछ साल पहले की बातें सोचता हूँ .आज के और तब में
ज़मीन आसमान का फरक है , बड़ी ही समझदारी और गोर करनी वाली बात है .की तेल
कंपनी सरकार से पेट्रोल और डिजल की कीमतें बढ़ने को कहती है .और सरकार बढाती
तो एक रूपया है पर आम आदमी को सॊ रुपये से जादा का भर पढता है .क्यूँकी उस एक
रुपये के चलते सभी चीज़ो के दाम बढ़ जाते हैं आम आदमी के पास और कोई चारा भी नहीं
होता सिवाई खरीदने के और महेंगे चीज़ छोडने के
वो अपने रोज़ की मेनू {खान -पान }से उन चीजों को निकलने पर मजबूर है .
कुछ इलाकों में इन कारणों के वजाह से बचों, शिशुओं में कुपोषण के लक्षण पाए जा रहे हैं
जिनका असर बचों में देखने को मिल रहा है .तथा कुछ व्यापारी दूकानदार मिल रहे
अनाज ,दल,सब्जी सब में मिलावट कर रहे हैं चंद पैसों के लिए .इससे सही पोषण नहीं मिल प रहा है .ये महेंगे आम आदमी की जेब ही नहीं कमर भी तोड़ रही है .क्यूंकि खर्च आमदनी
सि जादा है .जिससे सब कुछ महंगा पढ़ रहा है हर एक चेज़ सुई से लेके सब कुछ .ऐसे में आम आदमी का हाल बेहाल है बदलते मौसम ,युग,और दिन की तरह ये भी रोज़ बदलती है
पर घटने का नाम नहीं लेती
आशा है सरकार से की आने वाले दिनों मैं ये कुछ कम और सरकार इन विषयों पर आने वाले दिनों में {बडजेट } सत्र में धयान दे वरना इसके बढ़ते चलते आम आदमी का जीना मुश्किल हो जायेगा

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