Menu
blogid : 21083 postid : 868817

मोत से तुम को

divya jyoti mithila
divya jyoti mithila
  • 20 Posts
  • 3 Comments
सब मरता है
मरना होगा
मोत से तुम को
डरना होगा
अजय नही ए जीवन है
थोड़ा दूर नया तन है
रूप नया
फिर धरना होगा
हाथ हथेली के कर्मो का
अपने अपने
धर्मो का
घरा तुझे तो
भरना होगा
यहा निडर की,
आचल ओढ
पतला या कोई छोड़े
इस घर से बढाना होगा
तेरे बस्ती मे सब
सपने
छोड़ के उसे,
देख तरपने
शाया पे तुझको
चढना होगा

सब मरता है

मरना होगा

मोत से तुम को

डरना होगा

अजय नही ए जीवन है

थोड़ा दूर नया तन है

रूप नया

फिर धरना होगा

हाथ हथेली के कर्मो का

अपने अपने

धर्मो का

घरा तुझे तो

भरना होगा

यहा निडर की,

आचल ओढ

पतला या कोई छोड़े

इस घर से बढाना होगा

तेरे बस्ती मे सब

सपने

छोड़ के उसे,

देख तरपने

शाया पे तुझको

चढना होगा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh