Menu
blogid : 21083 postid : 868635

आते जाते जीवन सब

divya jyoti mithila
divya jyoti mithila
  • 20 Posts
  • 3 Comments
आते जाते जीवन सब
दुख होता है, देखो तब
आके यहा खो जाता है,
मूल अपना ए भूलता है,
याद आता है, ए जाता जब
इस दुनिया के भोग विलास
सब पा के बनता ए लाश
बाकी कहता है,  क्या है अब
नदी नहर के धारा सा
जीता है, बेसहारा सा
और मिले मुझको कब
बेगाने है, अनजाने है
खोया बस्ती जो पुराने है,
महल वहा है, इसका भव

आते जाते जीवन सब

दुख होता है, देखो तब

आके यहा खो जाता है,

मूल अपना ए भूलता है,

याद आता है, ए जाता जब

इस दुनिया के भोग विलास

सब पा के बनता ए लाश

बाकी कहता है,  क्या है अब

नदी नहर के धारा सा

जीता है, बेसहारा सा

और मिले मुझको कब

बेगाने है, अनजाने है

खोया बस्ती जो पुराने है,

महल वहा है, इसका भव

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh