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जाने-माने भारतीय चित्रकार और ‘भारत के पिकासो’ के नाम से चर्चित मकबूल फिदा हुसैन का लंदन के अस्पताल में निधन हो गया. अपनी कलाकृतियों से प्रसिद्धि पाने के साथ विवादों में घिरने वाले 95 वर्षीय हुसैन लगभग एक महीने से बीमार थे.
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि हुसैन ने रॉयल ब्रोम्प्टन अस्पताल में स्थानीय समयानुसार तड़के ढाई बजे (भारतीय समयानुसार सात बजे) अंतिम सांस ली. उनकी पिछले डेढ़ महीने से तबीयत ठीक नहीं थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
हुसैन की ‘बैटल ऑफ गंगा एंड यमुना : महाभारत 12’ वर्ष 2008 में एक नीलामी में 16 लाख डॉलर में बिकी और यह क्रिस्टी के साउथ एशियन मॉडर्न एंड कंटेम्परेरी आर्ट की बिक्री में एक नया रिकॉर्ड था.
उन्होंने अपनी पसंदीदा अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को लेकर ‘गज गामिनी’ बनाई तथा कुछ और फिल्मों पर भी काम किया. माधुरी को लेकर ‘गज गामिनी’ फिल्म के बाद हुसैन ने तब्बू को लेकर ‘मीनाक्षी : ए टेल ऑफ थ्री सिटीज’ का निर्माण किया. हुसैन ने अभिनेत्री अमृता राव की भी कई तस्वीरें बनाई.
विवाद हमेशा हुसैन के साथ रहे. उन्हें 92 साल की उम्र में केरल सरकार की ओर से प्रतिष्ठित राजा रवि वर्मा पुरस्कार दिया जाना था. इस घोषणा ने प्रदेश में खासा विवाद खड़ा कर दिया.
इस मामले को लेकर सबरीमाला के प्रवक्ता राहुल ईश्वर केरल उच्च न्यायालय चले गए. अदालत ने याचिका के निस्तारण तक पुरस्कार देने पर स्थगन का अंतरिम आदेश दे दिया.
हुसैन को अम्मान स्थित रॉयल इस्लामिक स्ट्रैटेजिक स्टडीज सेंटर ने दुनिया के सबसे प्रभावशाली 500 मुस्लिमों की सूची में भी शामिल किया.
उन्हें बर्लिन फिल्म समारोह में उनकी फिल्म ‘थ्रू दि आईज ऑफ ए पेंटर’ के लिए गोल्डन बीयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. वह 1971 में साओ पाओलो आर्ट बाईनियल में पिकासो के साथ विशेष आमंत्रित अतिथि थे.
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