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कविता: लगे रहो मच्छर भाई

सुमित के तड़के - SUMIT KE TADKE
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कसाब को काटने की खुशी में मच्छर भाई को बधाई देते हुए प्रस्तुत एक आशु कविता

प्यारे मच्छर भाई
देते तुम्हें दिल से बधाई
आम आदमी का पिंड छोड़
शिकार किया कसाब कसाई
ऐसे ही सभी आतंकियों को
अपने डंक का शिकार बनाओ
भारत के जल में जन्म लिया तो
इस जल का क़र्ज़ चुकाओ
ऐसा काटना इन दुष्टों को कि
ये जेल में समय काटना छोड़
नर्क में जाकर घास काटें
यमदूतों के सोटे खा-खाकर
कटें इनकी दिन और रातें
इन्हें फाँसी पर लटकाने में
आड़े आती वोट बैंक की नीति
अब तुम ही इन्हें करो धरती से तड़ीपार
मन में रखकर भारत माता के प्रति प्रीति
http://facebook.com/authorsumitpratapsingh

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