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स्मृति ईरानी के कम उम्र पर कैबिनेट मंत्री पद सँभालने को लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म है। लोगों को यह आपत्ति है कि उनकी बजाय किसी बूढ़े खूसट को यह पद क्यों नहीं सौंपा गया। कुछेक उनके 12वीं पास होते हुए भी कैबिनेट मंत्री बनने पर तंज कस रहे हैं। मैंने कई ऐसे लोग देखे हैं जो कम आयु व कम पढ़े-लिखे होकर भी अपनी कार्यकुशलता से लोगों को अचंभित करते हैं। स्मृति ईरानी को हमने संसद व विभिन्न टी.वी. चैनलों पर वक्तव्य देते हुए अथवा बहस में भाग लेते खूब देखा व सुना है। आप ही बताइए क्या वो किसी भी कोण से मंत्री पद संभालने में अक्षम दिखीं। कुछेक सेकुलर मानसिकता के मूर्ख मानव अपने-अपने दलों का मोदी नामक सुनामी में सफाया होने के उपरांत खीजकर स्मृति ईरानी को मंत्री पद दिए जाने को मोदी जी व स्मृति के बीच गलत सम्बन्ध होने का हवाला दे रहे हैं। यह उनकी सड़ी मानसिकता को प्रदर्शित करता है। जैसा वे अपने आकाओं को अब तक देखते आये हैं वैसे ही उन्हें सभी जन दिखाई देते हैं। नमो को चाहनेवालों से निवेदन है कि वे इन मूर्खों के बहकावे में न आयें। हमने नमो पर इतना विश्वास करके उन्हें देश की सत्ता की चाबी सौंपी है तो इतना यकीन भी रखें कि वो जो फैसला लेंगे वह अपने देश के लिए उचित ही होगा।
लेखक: सुमित प्रताप सिंह
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