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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर के विदर्भ क्रिकेट स्टेडियम पर खेले गए एकदिवसीय श्रृंखला के दूसरे मैच की साँसें थाम लेने वाली आखिरी ओवर के लिए जब विजय शंकर को गेंदबाजी के लिए बुलाया गया, तब स्टेडियम में बैठे लगभग 80% दर्शकों ने यही सोचा होगा कि अब हाथ से मैच गया। 6 गेंदे 11 रन और सामने अनुभवहीन ऑलराउंडर गेंदबाज विजय शंकर के कन्धों पर टीम की जिम्मेदारी। विजय ने वही किया जो उस समय एक गेंदबाज को करना चाहिए था। सारे प्रेसर को एक तरफ कर गेंद को स्टंप के बीच रखना। हालाँकि विजय शंकर की सबसे बड़ी परेशानी पिच पर तैनात मार्कस स्टोइनिस थे, जो शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे, ऐसे में उन्हें गेंद चखाना मुश्किल था। लेकिन पहली ही गेंद पर विजय ने स्टोइनिस को क्लीन बोल्ड कर यह साबित कर दिया कि उन्हें क्यों गेंद थमाई गई है। महज 3 गेंद और अंतिम दो विकेट लेकर विजय ने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलवा दी।
वैसे तो टीम के सबसे ख़ास ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या भी भारत के लिए कई दफा ऐसा कर चुके हैं, लेकिन विजय ने जो कर दिखाया वह स्पेशल था। मैच के बाद जब उनसे इस प्रेशर वाले ओवर के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने साफ़ कहा कि “मैं आखिरी ओवर करने के लिए तैयार था, अगर मैं बेहतर करूँगा तभी लोग मुझे जानेंगे।” विजय के अनुसार वह मैच के 10 ओवर पहले से ही खुद को आखिरी ओवर के लिए मानसिक तौर पर मजबूत करने में लगे थे। आखिरी ओवर मिलने के बाद उन्होंने बेसिक पर ध्यान देते हुए स्टंप पर गेंदबाजी करना ज्यादा सही समझा और अंत में उन्हें कामयाबी मिली। कहते हैं जो निडर होते हैं, सफलता उन्ही को मिलती है। भारत की 500वीं जीत में सभी खिलाड़ियों का कुछ न कुछ योगदान जरूर था, लेकिन अंत में विजय शंकर ने स्टेडियम में बैठे हज़ारों दर्शकों का दिल जीत लिया।
हार्दिक पांड्या जब भी टीम से बाहर होते हैं, तो भारत की दूसरी पसंद विजय शंकर ही बनते हैं। टीम में मिले मौके को विजय ने बेहतरीन तरह से भुनाया। फिर चाहे बल्लेबाजी हो या फिर गेंदबाजी उन्होंने हर क्षेत्र में अपना 100 प्रतिशत देने की कोशिश की। शायद यही कारण है कि हार्दिक पांड्या के ऑप्शन के तौर पर विजय शंकर को ही देखा जा रहा है। आगामी विश्वकप में वह भारत के ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं। हालाँकि विजय शंकर का लगातार शानदार फॉर्म कहीं हार्दिक पांड्या की जगह पर सवालियां निशान न उठाये। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिसप्रकार से विजय शंकर का प्रदर्शन रहा है, उसको देखते हुए तो यह सवाल अभी से उठने लगे हैं कि हार्दिक पांड्या और विजय शंकर में से बेहतर ऑलराउंडर कौन है। हालाँकि अब भी प्रशंसकों की पहली पसंद हार्दिक पांड्या ही हैं, क्योंकि उन्होंने भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। हार्दिक पांड्या के पास अनुभव है, जो कि टीम के लिए बेहद फायदेमंद भी है। हार्दिक ने भारत के लिए अबतक 45 एकदिवसीय मैचों में 4 अर्धशतकों की मदद से 731 रन बनाये हैं, वहीँ गेंदबाजी में उन्होंने 44 विकेट झटके हैं। दूसरी तरफ विजय ने अभी अपना करियर शुरुआत ही किया है, इसलिए अभी इस फैसले पर आना कठिन है कि कौन बेहतर है, यह वक़्त के साथ ही पता चल सकता है।
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