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लो भाई फिर हो गये साईकिल पर सवार…

sach ka aaina
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लो भाई फिर हो गये साईकिल पर सवार…..

बेहद अहम् खबर है कि समाजवादी पार्टी ने सुल्तानपुर लोकसभा सीट के लिए पहले से घोषित उम्मीदवार को बदलकर क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले पूर्व सांसद अतीक अहमद को टिकट दे दिया है.
गौरतलब है कि माफिया सरगना से राजनेता बने अतीक अहमद को समाजवादी पार्टी से साल 2008 में निष्कासित कर दिया गया था. अतीक अहमद ने 2009 में हुआ पिछला लोकसभा चुनाव “अपना दल” के टिकट पर प्रतापगढ़ से लड़ा था लेकिन हार का सामना करने वाले अतीक अहमद को एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने अपने कुनबे में शामिल कर लिया है. इस सीट पर पार्टी में लंबे समय से विवाद चल रहा था. शायद यही वजह है कि एसपी ने तीसरी बार इस सीट से टिकट बदला है. इलाहाबाद के बाहुबली माफिया अतीक अहमद का अपराध की दुनियां में जाना पहचाना नाम है फिर भी समाजवादी पार्टी ने सुल्तानपुर लोकसभा सीट से अतीक अहमद को उम्मीदवार बना दिया.  राजनीति की भाषा में इसे कहते है केवल सत्ता की भूख….
ये आवाम के लिए समझने की बात है कि उन तमाम माफियाओं की तरह अतीक अहमद ने भी क्राइम की दुनिया से राजनीति की ओर रुख किया और सबसे पहले समाजवादी पार्टी का ही दामन क्यों थामा ? सबसे गंभीर बात ये है कि  जो भी सपा से टिकट लेता है वह क्रिमिनल ही क्यों होता है ?
विदित हो कि 2004 में फूलपुर सीट से एसपी के सांसद रहे अतीक अहमद पर
बीएसपी विधायक राजूपाल की हत्या समेत कई मामलों में 30 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.  गैंगस्टर ऐक्ट से जुड़े मामले में फरार घोषित होने के बाद जनवरी 2008 में दिल्ली में गिरफ्तार किये गए अतीक अहमद को पिछले साल फरवरी में जमानत मिल गई थी. और वहीँ दूसरी तरफ 2009 के लोकसभा चुनाव में अतीक ने बीएसपी का दामन थामा पर मायावती ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था.
गौरतलब है कि साल दर साल इन सियासतदरों की भावनाएं इतनी नाजुक क्यों होती जा हैं जो राजनीति में आज के दौर को देखते हुए किसी के द्वारा  अगर कोई भी एक सच्चाई लिखी जाती है तो इनकी भावनाएं आहत हो जाती हैं ? ये राजनीति के खिलाड़ी सत्ता के लालच में सिर्फ आवाम को बरगलाने के लिए देश के हितैषी बनते हैं. अपनी पार्टी में अपराधियों की भरमार करके अपराध के ग्राफ को बढ़ावा देते हुए समूचे देश की भावनाओं को आहत कर रहे हैं. क्या आवाम की कोई भावनाएं नहीं होतीं ?

सुनीता दोहरे ……

http://sunitadohare1969.blogspot.in/2013/12/blog-post_6.html

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