शब्द स्पंदन
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शक्ति की आराधना से, कार्य होते हैं सफल।
शक्ति ही युगों से आदि सृष्टि का आधार है।
शक्ति हीन की कहीं भी, कोई सुनवाई नहीं।
शक्ति के बिना तो सत्य, हमेशा लाचार है।
राष्ट्रभाव जागरण, साथ शक्ति संगठन।
एक सोच साथ लिए, शुभ्र ये विचार है।
भारत महान राष्ट्र, विश्व का गुरु सदैव।
नियति का सत्य आज, ले रहा आकार है।
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