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वाह रे ! मज़हब तेरा क्या कहना

अग्निपथ
अग्निपथ
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http://sheikyermami.com/2007/05/31/female-genital-mutilation-is-part-of-the-sunna-of-the-prophet/

स्वरचित{ Self Composed }

[1] लड़की का सुन्ना
ये कैसा फितना
वाह रे ! मज़हब
तेरा क्या कहना

[2] नफरत के शोले
दहशत के गोले
जान है कीमत
गर कोई बोले

वाह रे ! मज़हब
तेरा क्या कहना

[3] तहज़ीब का साया
क्यों बदल न पाया
दिमाग़ो- दिल को
ऐ मेरे खुदाया !

वाह रे ! मज़हब
तेरा क्या कहना

[5] बुतों से नफरत
ईसा पे लानत
ये कैसा तमद्दुन
ये कैसी वहशत

वाह रे ! मज़हब
तेरा क्या कहना

[6] जिहाद का परचम
जुबां पे हरदम
जूनून ये कैसा
अश्कबार है आलम

वाह रे ! मज़हब
तेरा क्या कहना

[7] माबूद है वहाँ
मुहब्बत है जहां
तशद्दुद का कोई
न बाक़ी हो निशां

लड़की का सुन्ना
ये कैसा फितना
वाह रे ! मज़हब
तेरा क्या कहना

SUNNAH – CIRCUMCISION,TAMDDUN – CULTURE, JUNOON – WHIM,
ASHKBAR – WEEPING,MABOOD – GOD, TASHDDUD – VIOLENCE,

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