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इरफान, क्यों बैठा रखा है

SYED ASIFIMAM KAKVI
SYED ASIFIMAM KAKVI
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Syed Asifimam kakvi
07/02/2012
टेस्ट के बाद फटाफट क्रिकेट में भी हार ने एक बार हर क्रिकेट प्रशंसक क्या यह टीम नंबर वन बनने लायक है फिर क्रिकेट प्रशंसक गुस्से से लाल कर दिया है। कि भारतीय टीम प्रबंधन को हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान को मौका देना चाहिए।
इरफान पठान टीम के लिए अधिक उपयोगी साबित हो सकते हैं। टी-20 में ऑलराउंडरों की अहमियत होती है।
गौरतलब है कि टेस्ट श्रृंखला में 0-4 से पिटने के बाद भारतीय टीम को ट्वेंटी-20 में भी पराजय झेलनी पड़ी है। सिडनी के एएनजेड स्टेडियम में हुए टी-20 मैच में ना तो भारतीय बल्लेबाज कुछ कमाल दिखा सके, ना ही गेंदबाज विपक्षी बैट्समैन को परेशान करने में कामयाब हुए।
हमें हरफनमौला खिलाड़ियों को शामिल करने पर विचार करना चाहिए। एक टीम के लिए यह हमेशा फायदेमंद रहता है कि उसका गेंदबाज अच्छी बल्लेबाजी कर सके। साथ में यदि वो बेहतरीन फील्डर हो तो सोने पर सुहागा। इसलिए टीम को इरफान पठान को अगले टी-20 में जरूर खिलाना चाहिए।”पूर्व क्रिकेटर एस आसिफ़ इमाम कक़वि ने बीसीसीआई को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आखिरकार एनसीए में हो क्या रहा है। अगर डेव व्हाटमोर को युवा प्रतिभाओं की संवारने का मौका मिला है तो अभी तक हमने गेंदबाजी क्षेत्र में कोई खास सुधार नहीं किया है।’ भारतीय टीम के विदेशी मैदानों पर बुरे प्रदर्शन के लिए सीनियर खिलाड़ियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इन सबके पीछे सबसे बड़ा कारण कोच डंकन फ्लेचर हैं। फ्लेचर को सबसे फालतू व्यक्ति बताया है।
टीम इंडिया की लगातार हुई टेस्ट में धुलाई से बेहद दुखी हैं। इस बात से खफा हैं कि टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ की गलतियों से सबक नहीं लिया। इसका खामियाजा टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 0-4 की पराजय से भरना पड़ा।

मुझे हमारी टीम से किसी चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी। लेकिन मैंने यह जरूर सोचा था कि हमारे खिलाड़ी थोड़ा संघर्ष दिखाएंगे और इस तरह नाक नहीं कटवाएंगे। पीटर सिडल और बेन हिल्फेनहास कोई वर्ल्डक्लास गेंदबाज नहीं हैं जिनके सामने भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए।

इस हार को कोच फ्लेचर का अंत करार देते हुए कहा, फ्लेचर सबसे फालतू व्यक्ति है। यदि मैं बीसीसीआई का हिस्सा होता तो सबसे पहले फ्लेचर को बाहर का रास्ता दिखाता। मुझे पहले से पता था कि वो टीम में कोई बदलाव नहीं ला सकता। ना उनका कोई प्रभावशाली व्यक्तित्व है और ना खिलाड़ियों को अपनी बात समझा पाने की कला उन्हें आती है।

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