Menu
blogid : 8865 postid : 25

जीत जाएंगे हम

SYED ASIFIMAM KAKVI
SYED ASIFIMAM KAKVI
  • 91 Posts
  • 43 Comments

Syeed Asifimam Kakvi
18/03/2012
वो गिरते हैं, उठते हैं. रोते हैं, हंसते हैं. जीतते हैं, तो हारेंगे भी. यह उनकी गलती नहीं कि 110 करोड़ की आबादी में वो बस 11 ही हैं. टीमें बदल गयीं. खिलाडी बदल गए. दौर बदल गया, पर ‘जीते तो ताली, हारे तो गाली’ का दस्तूर नहीं बदला.
हम सब एक से ही तो हैं. दिल से टीम इंडिया के फैन. भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप क्रिकेट में परंपरागत प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच लीग मुकाबला आज खेला जाएगा। लगातार दो मैच जीतकर पाकिस्तान पहले ही फाइनल पहुंच चुका है, जबकि खिताबी मुकाबले में जगह बनाने के लिए भारत को मैच जीतना ही होगा। दोनों टीमों के बीच आखिरी मैच वल्र्डकप सेमीफाइनल में हुआ था। मोहाली में खेला गया वह मैच भारत ने जीता था। एशिया कप में भारत को एक मैच में जीत मिली और एक मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान के खिलाफ मैच हमेशा ही चुनौतीपूर्ण होता है। अत: टीम इंडिया को पाक के खिलाफ जीत के लिए जबर्दस्त प्रदर्शन करना होगा। को जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे तो दोनों में से किसी एक टीम के सपने मटियामेट हो जाएंगे, जबकि दूसरी टीम दूसरा एशिया कप कप जीतने के लिए एक कदम और बढ़ा लेगी। इस हाई वोल्टेज मुकाबले को जीतने के लिए दोनों ही टीमें सब कुछ दांव पर लगा देंगी। दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के कप्तान जब टास के लिए मैदान पर उतरेंगे तो इनके साथ स्टेडियम की दर्शक-दीर्घाओं में मौजूद हजारों प्रशंसकों के अलावा दुनिया भर में टेलीविजन के जरिए मैच देखने के लिए लालायित करोड़ों लोगों की भावनाएं भी जुड़ी होंगी। जंग के मैदान में भी एक-दूसरे का सामना कर चुके भारत और पाकिस्तान में क्रिकेट की लोकप्रियता जगजाहिर है।
2012 का महामुकाबला कहा जा रहा है। भारत-पाक क्रिकेट मैच को वैसे भी विश्व के सबसे कड़े प्रतिस्पर्धी मुकाबलों में गिना जाता है जिसमें जो टीम दबाव वाली स्थितियों से बेहतर तरीके से निपटती है, जीत उसी की होती है। दोनों टीमों का सब-कुछ दांव पर लगा है, मध्यक्रम में मनोज तिवारी को अभी तक आजमाया नहीं गया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक लगाने के बाद से वे एकादश से बाहर हैं। रोहित शर्मा को कई मौके मिले, लेकिन वे कामयाब नहीं रहे, इसलिए मनोज तिवारी को मौका नहीं देना आश्चर्यजनक है।

यूसुफ को मिल सकता है मौका

यूसुफ पठान जबर्दस्त फॉर्म में हैं। कप्तान धोनी इसके बाद भी रवींद्र जडेजा को मौका दे रहे हैं, जबकि वे सीबी सीरीज में फ्लॉप रहे थे। पठान फिनिशर की भूमिका में कमाल कर सकते हैं। उनके छोटे भाई इरफान भी उपयोगी ऑल राउंडर हैं। पठान बंधु पाकिस्तान के खिलाफ मैच विजेता प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। ऐसे में यूसुफ को इस मैच में मौका मिल सकता है। गेंदबाजी है कमजोर भारत की गेंदबाजी बहुत कमजोर है। बांग्लादेश जैसी औसत दर्जे की टीम के खिलाफ इरफान पठान, रवींद्र जडेजा, अश्विन और अशोक डिंडा ने खराब गेंदबाजी की थी। उम्मीद की जा रही है कि डिंडा की जगह विनय कुमार की वापसी होगी। इरफान टीम में बने रहेंगे, क्योंकि उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ चार विकेट लिए थे।
जहां तक पाकिस्तान टीम का सवाल है, तो उसकी बल्लेबाजी काफी ठोस है। हालांकि टीम में युवाओं की भरमार है, लेकिन यूनुस खान, मिस्बाह व शाहिद आफरीदी का अनुभव टीम के काम आ रहा है। इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज को छोड़ दिया जाए, तो उसने आधा दर्जन से ज्यादा सीरीज जीतने में कामयाबी हासिल की है। बल्लेबाजी में हफीज, उमर अकमाल व आजम भी रन जुटाने में सक्षम हैं। पाकिस्तान की गेंदबाजी हमेशा ही बढिय़ा रही है। वर्तमान टीम में स्पिनर अजमल व शाहिद आफरीदी तथा तेज गेंदबाजी में एजाज चीमा व उमर गुल पर टीम इंडिया को जल्दी आउट करने की जिम्मेदारी होगी। अजमल पिछली सीरीजों में कमाल का प्रदर्शन कर चुके हैं। भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों को खेलने में माहिर हैं, इसलिए पाक गेंदबाजों को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवारबांग्लादेश के शेर-ए-बंगाल स्टेडियम में क्रिकेट में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए शतकों का महाशतक लगाया। लेकिन 11वें एशिया कप के चौथे मुकाबले में बांग्लादेश ने भारत को 5 विकेट से हरा दिया। शुक्रवार सचिन के लिए तो लकी साबित हुआ लेकिन टीम इंडिया अनलकी रही।

ऐतिहासिक मैच में भारत द्वारा दिए 290 रन के लक्ष्य को मेजबान ने चार गेंदें शेष रहते हासिल कर लिया। कप्तान मुश्फिकर रहमान 46 रन बनाकर नाबाद रहे। अब फाइनल में पहुंचने के लिए टीम इंडिया को रविवार को होने वाले पाकिस्तान के खिलाफ मैच में जीत दर्ज करनी होगी। वनडे क्रिकेट में यह तीसरा मौका है जब बांग्लादेश ने भारत को मात दी है। इससे पहले साल 2004 में हुए ढाका वनडे में बांग्लादेश ने जीत हासिल की थी। 2007 वर्ल्डकप के ग्रुप मैच में भी भारतीय टीम बांग्लादेश के आगे पस्त हुई थी।
सब जानते हैं कि मैच हारते हैं, तो अगले में सबकुछ झोंक देते हैं. फिर क्या मौजूदा फॉर्म में भारत कहीं भी टिक पायेगा? एक्सपर्ट बहुत सारा विश्लेषण करेंगे, पर फैन के दिल से पूछिए, तो मुकाबला कागज़ पर नहीं मैदान पर होगा. किसी भी आम हिन्दुस्तानी की तरह अपनी टीम भी तब पलटवार करती है, जब उसे कोने में धकेल दिया जाए.

जीतने के लिए टीम को अभी बहुत दुरुस्त होना होगा. अभ्यास सत्र को पूरी संजीदगी से लेना होगा. दिमाग में बस चैम्पियन बनने का जूनून भरना होगा. टीम को अब 1 नहीं, 11 मैच विनर चाहिए. हर हार से बहुत तकलीफ होती है, पर सच बोलिए तो हम इन्हें गालियां भी तो इसीलिए देते हैं क्योंकि इनसे हम हद से ज्यादा उम्मीद करते हैं.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply