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देश की राजधानी दिल्ली में पैरा मेडिकल स्टूडेंट के साथ चलती बस में हुई गैंगरेप की घटना ने पूरे देशवासियों को झकझोर दिया है। दिल दहला देने वाली इस दरिंदगी के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों पर आक्रोश की आग लगातार धधक रही है। सबकी बस एक ही मांग है कि इंसाफ मिले, दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
उधर, गैंगरेप पीड़िता सफदरजंग हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से लगातार जूझ रही है। उस पर हर एक पल बहुत भारी पड़ रहा है लेकिन दिल्ली समेत देश के कोने-कोने से आवाज आ रही है कि तुम्हें जीना होगा, तुम्हें लड़ना होगा। शायद यही वो जज्बा है जो पीड़िता को लगातार संघर्ष करने की ताकत दे रहा है।
पीड़ित छात्रा का भाई बताता है कि मेरी बहन दिल्ली में अपना कॅरियर बनाने के लिए आई थी। पढ़ाई के सिवा वह किसी से भी फालतू बातचीत नहीं करती थी। वह एक स्वाभिमानी लड़की है। कभी भी गलत बात बर्दाश्त नहीं करती थी पर आज उसकी यह हालत देखकर मुझे खुद पर रोना आ रहा है।
पीड़िता की मां के आंसु रोके नहीं रूकते है। वो तो बस एक ही बात कहती है कि भगवान आरोपियों को कभी माफ नहीं करेगा। ऐसे लोगों को सिर्फ फांसी की सजा देनी चाहिए।
देश का युवा जिसके बारे में शायद ये कहा जाता रहा है कि वो किस दिशा में जा रहा है, लेकिन पिछले कई दिनों से दिल्ली गैंगरेप मामले के खिलाफ देश भर में युवा लगातार जिस तरह प्रदर्शन कर रहे हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि ये डिस्को थेक वाली जेनरशन अपने दायित्वों को समझती है, इनके दिल में भी दर्द की लहर उठती है। इनके अंदर भी माद्दा है लड़ने का, संघर्ष करने का। पिछले कई दिनों से दिल्ली समेत कई शहरों में लगातार सड़कों पर विरोध जता रही है।
जो लोग अबतक अपना विरोध फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट पर दिखा रहे थे वो लोग अब कंप्यूटर और लैपटॉप को छोड़कर सड़क पर उतर आये हैं।
शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो में कुछ छात्रों ने लोगों से इंडिया गेट पर उनके विरोध-प्रदर्शन में जुड़ने के लिए निवेदन किया। उनका तरीका भी बड़ा शानदार था, बिना कुछ बोले, बिना कुछ बताए, बस हाथों में होर्डिंग थामे चलते चले गए, फिर क्या था लोग मिलते गए, कारवां बनता गया। कारवां पहुंच गया इंडिया गेट जहां नाटकों और भाषण के माध्यम से इन लोगों ने ये बात जाहिर की कि दिल्ली तो दिल्ली अब पूरा देश बलात्कार जैसी घिनौनी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
सबकी दुआओं और जज्बे का ही सहारा कहें कि पीड़िता लगातार संघर्ष करते हुए जीने की कोशिश कर रही है। दर्द से पूरा जिस्म छलनी है। आंत पेट से बाहर निकाल दी गई हैं। मुंह कुछ बोल नहीं सकता पर उसका हौसला देखिए उसकी आंखे फिर भी खुली हैं। वेंटिलेटर से हटने के बावजूद शरीर में इन्फेक्शन लगातार बढ़ रहा है। डॉक्टरों ने तो यहां तक कह दिया है कि अगले सात दिन क्रिटिकल हैं लेकिन पीड़िता के साथ अब पूरा देश है, आवाम है, हुजूम है, सबके दिल से एक ही आवाज आ रही है- तुम्हें जीना होगा, तुम्हें लड़ना होगा।
तो आईए हम सब मिलकर इस हौसले को सलाम करते हैं और इस बहादुर लड़की की सलामती के लिए दुआ करते है।
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